मई - जून २०१४
भारत में एक बार फिर से अब मेले का मौसम शुरू हो गया है, क्योंकि रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जेजीईपीसी) ने अपने आईआईजेएस (इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो) के ३१वें संस्करण को शुरू किया है। एशियाई उपमहाद्वीप में आईआईजेएस एक प्रभावी और महत्वपूर्ण शो बन गया है और इस वर्ष इसमें और भी ज्यादा दर्शकों और प्रदर्शकों के आने की संभावना है। पांच दिन के इस शो का इंतजार भारत के हर ज्वैलर्स और निर्माता पूरे वर्ष तक करते हैं जहां करोड़ो रुपये का कारोबार होता है। आभूषण उद्योग इस समय दि न्यू ज्वैलर्स समूह की तरफ से एक ओर ब्लॉक बस्टर इवेंट का इंतजार कर रहे हैं, तो हम आपके सामने एक अनूठे उपहार को पेश करते हुए प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। इस उपहार का नाम है 'इंडियाज इंटरनेशनल ज्वैलर्स शोकेस - आईआईजेएस।'



मई - जून २०१४
यह एक ऐसा अनूठा रिपोर्ट है जो कि देश के चुनिंदा ज्वैलरों को गौरव का स्थान ऑफर करता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, हम न्यू ज्वैलर्स की हिन्दी टीम पहली बार एक ऐसा विशेष संस्करण ला रहे हैं, जिसमें उन ज्वैलरों का नाम होगा जो कि सही मायने में कठोर परिश्रम करते हैं और देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहराते हैं। कारोबार के प्रति प्रेम एवं कुछ अलग करने की भावना ही उन्हें सही मायने में ग्लोबल ज्वैलर्स का खिताब दिलाती है।

दि न्यू ज्वैलर्स-हिन्दी रिपोर्ट के जरिये आप कुछ चुनिंदा ज्वैलरों की यात्रा में शामिल हो जाएंगे जिन्होंने अपने शहर से शुरू आत कर अंतरराष्ट्रीय क्षितिज में अपनी पहचान बनायी। इन्होंने प्रदर्शनियों में भाग लिया, अपने कार्यालय खोले, अपनी फैक्ट्री लगायी या देश के लिए निर्यात कर भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा कमायी। न्यू ज्वैलर्स की टीम बड़े ही गौरवपूर्वक इन्हें दि इंटरनेशनल ज्वैलर्स फ्राम इंडिया बुलाती है और उन्हें न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में गौरव पूर्ण स्थान देती है। इस विशेष संस्करण में आप हमारे हाथ से हाथ मिलायें और हर अंतरराष्ट्रीय ज्वैलरों की सफलता में शामिल हों जिन्होंने विदेशी भूमि पर अपनी बेहतरीन उत्पाद और सेवाओं के जरिये नाम कमाया और मेड इन इंडिया टैग को गौरव दिलाया। इस विशेष संस्करण का वितरणआईआईजेएस २०१४ में बनाये गए हमारे बूथ से तो होगा ही, उससे पहले देश के ७० शहरों और नगरों में भी इसे बांटा जाएगा।

मई - जून २०१४






भारत और अंतराष्ट्रीय डायमंड बिरादरी में प्रतिष्ठित नाम केपी संघवी है। गत पाँच दशकों से केपी संघवी क्वालिटी प्रोडक्ट्स एवं सेवाएं देते आए हैं और अपनी प्रतिष्ठा को विश्वास एवं भरोसे से सींचा है। यहीं कारण है कि आज भी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय ग्राहकों को केपी के उत्पादनों की एवं डिजाइनों की भरपूर मांग रहती है। केपी संघवी की सेवाएं अमेरिका, युरोप एवं मिडल ईस्ट आदि में बेजोड़ हैं। यहां इनके अंतराष्ट्रीय कार्यालय भी हैं। केपी संघवी के उत्पादों की ऊंची मांग और विदेशों में कारोबार के सुनहरे अवसर को भुनाने के लिए कंपनी ने देश के बाहर अपने कारोबार को फैला दिया है। टेक्नोलोजी, कॉरपोरेट विजन मेनेजमेन्ट कुशल श्रम से कंपनी अपने सपने को साकार करना चाहती है। कंपनी के निदेशक जीमित संघवी के मुताबिक उनके केपी संघवी समूह के सफलता का मंत्र दृढता, स्वअभिप्रेरणा, सृजनात्मकता और उनकी कर्मठता है।






शिल्पी ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का एक जाना माना नाम है और यह १८ कैरेट से २२ कैरेट के बीच के आभूषणों की आपूर्ति करता है। करीब तीन दशकों ये इस क्षेत्र में काम करते हुए शिल्पी ज्वैलर्स ने खुद को सोने और हीरे क आभूषण के क्षेत्र में प्रतिस्थापित कर लिया है। इस समय इसके कार्यालय मुंबई के साथ साथ भारत के अन्य शहरों जैसे अहमदाबाद, बेंगलुरू, भीलवाड़ा और दिल्ली में भी है। मजबूत आर्थिक स्थिति, आभूषण निर्माण में विशेषज्ञता, गुणवत्ता के प्रति समझौता नहीं करने की नीति तथा ढेरों डिजाइनों के साथ शिल्पी इस समय देश भर के रिटेलरों के लिए आभूषण का तरजीहि आपूर्तिकर्ता का दर्जा हासिल कर लिया है। २०११ में शिल्पी ने अंतरराष्ट्रीय आभूषण समुदाय की तरफ भी अपने कारोबार को फैलाया। इस समय शिल्पी के आभूषण अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, न्यूजीलँड, केन्या और बंगलादेश में निर्यात हो रहे है। शिल्पी की भविष्य की योजना में विदेशों, खास कर दुबई में एक कार्यालय खोलना शामिल है जहां से मध्य पूर्व के देशों और दक्षिण अफ्रीका में आपूर्ति की जा सके।

अनूठे एवं बेहतरीन कलेक्शन के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए -वंडरफुल सेवन- हमारा एक विशेष प्रयास है जिसमें एंटीक ज्वैलरी, बांम्बे ज्वैलरी, डायमंड ज्वैलरी, इमेरेल्ड ज्वैलरी, कोलकाता ज्वैलरी, मंगल सूत्र और ट्रायोस बैंगल शामिल है।

मई - जून २०१४






कनकरत्न एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड आभूषण निर्माण और इसके वितरण में एक दशक से भी ज्यादा समय से जुड़ी है। कंपनी का अंतराष्ट्रीय कारोबार छह वर्ष पहले शुरू हुआ और अपनी गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाओं की वजह से कुछ ही दिनों में ख्याति अर्जित कर ली। कंपनी का निर्यात मुख्यतः यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त अरब अमीरात, में मेसर्स डिमी इंटरनेशनल लिमिटेड यूके और मेसर्स थंगम ज्वैल्स यूएई के माध्यम से होता है।




पी.मंगतराम ज्वैलर्स पिछले ९ वर्षों से घरेलू के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय कारोबार में है। भारत के साथ साथ दुबई में भी कार्यालय वाली कंपनी पी मंगतराम ज्वैलर्स अपनी गुणवत्तापूर्ण उत्पादों और शानदार कारीगरी के जरिये देश-विदेश के सभी तरह के ग्राहकों की आवश्यकता की पूर्ति कर रही है। कंपनी संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और अमेरिका जैसे देशों में भी निर्यात करती है। विदेशी बाजारों में पी मंगतराम ज्वैलर्स का विपणन माडर्न आर्ट ज्वैलर्स एलएलसी के जरिये होता है।



मई - जून २०१४





सी.महेन्द्रा एक्सपोट्र्स लिमिटेड १९७४ से ही हीरे के आभूषणों में एक जाना माना नाम है, जिसकी पूरी दुनिया में पहुंच है। सी महेन्द्रा एक्सपोट्र्स लिमिटेड खरड़ और पालिश किये गए हीरों का एक अग्रणी आपूर्तिकर्ता है। इस कंपनी के संस्थापक श्री महेन्द्र शाह और श्री चंपक मेहता हैं जिन्होंने इस कारोबार को १९७४ में शुरू किया था। सीआईएमएमई समूह की अग्रणी कंपनी सी महेन्द्रा एक्सपोट्र्स की स्थापना १९७८ में हुई ताकि इसके तहत हीरों के तराशने और इसकी बिक्री का कारोबार किया जा सके।

सी महेन्द्रा एक्सपोट्र्स लिमिटेड ने हीरे के तराशने और इसके पालिशिंग के लिए पहली स्टेट आफ दि आर्ट फैक्टड्ढी भारत के सूरत में १९९३ में लगाई। इस कंपनी ने २००६ में सूरत के ही वराछा रोड पर दूसरी स्टेट आफ दि आर्ट मैन्यूफैक्चरिंग केन्द्र की शुरूआत की जो कि बड़े आकार के हीरों को तराशा एवं पालिश किया जाता है। बेहतरीन किस्म के हीरों की कटिंग एवं पालिशिंग के लिए सी महेन्द्रा एक्सपोट्र्स लिमिटेड ने अपनी फैक्ट्री में आधुनिक मशीनों को लगाया। इसने सात देशों - चीन के शंघाई, हांगकांग, थाईलैंड के बैंकाक, भारत के मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, यूएई के दुबई, बेल्जियम के एंटवर्प, और अमेरिका में अपने सेल्स एवं डिस्ट्रीब्यूशन सहयोगियों की सहायता से दुनिया भर में अपनी पहुंच बनाई। तभी तो इस समय सी महेन्द्रा एक्सपोट्र्स लिमिटेड दुनिया के सभी बड़े हीरे एवं आभूषण कंपनियों की श्रेणी में दुनिया भर में अपनी पहचानकायम की है।
सीवीएम समूह की स्थापना गुजरात के जूनागढ़ में १९४७ में हुई है। कारोबारी तीक्ष्ण बुद्धि, किसी से संपर्क करने का बेहद सरल तरीका, किसी भी परिवर्तन के लिए सदा तैयार रहने की प्रबृत्ति, प्रबंधन के सिद्धांत और लगातार प्रगति के पथ पर आरूढ़ रहने की ललक ने सीवीएम समूह को भारत के एक अग्रणी आभूषण कंपनी की पहचान दिला दी। बड़े स्तर पर उत्पादन में भी कुशलता दिखा कर सीवीएम ने डिजाइनिंग की मूल भावना को परख लिया है। कंपनी के दो स्टेट आफ दि आर्ट मैन्यूफैक्वरिंग केन्द्र हैं जहां बड़े से बड़े आर्डर को पूरा किया जाता है। सीवीएम के पास विशेषज्ञ डिजाइनरों और आभूषण बनाने वाले कुशल कारीगरों की एक बड़ी टीम है जो कि शानदार कलेक्शन के लिए अभिनव डिजाइन तैयार करने से लेकर उसे बनाने में सक्षम है।

कंपनी का उद्देश्य ऐसे गहने तैयार करना है जो कि सुरूचिपूर्ण तो हो ही, वह फैशन में भी सबसे आगे हों। सीवीएम आईएसओ ९००१:२००८ प्रमाणपत्र प्राप्त कंपनी है जो कि राजकोट, अहमदाबाद और मुंबई में अपना आधार बनाये हुए है। इसके साथ ही कंपनी ने इस तरह का वितरण तंत्र बनाया है जो कि भारत के कोने कोने में उत्पाद पहुंचा सके। भारत के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद और बड़ौदा में सीवीएम के उत्पाद बड़े शोरूमों में आसानी से उपलब्ध है। इसके अलावा अमेरिका, यूके, आस्ट्रेलिया, यूएई, हांगकांग, इटली एवं जापान में भी सीवीएम के आभूषणों की काफी मांग है। दुनिया भर के ट्रेंड से कदम से कदम मिलाने के लिए सीवीएम ने भारत, दुबई, जापान और इटली में आयोजित होने वाली लगभग हर बड़े ज्वैलरी शो में भाग लिया है।

मई - जून २०१४





भारत में हीरा व्यापार से सावनसुखा करीब २०० वर्षों से जुड़ा है। आभूषण के क्षेत्र में अपनी अद्भुत कारीगरी के लिए विख्यात कोलकाता के हीरा और जड़ाउ गहनों के अग्रणी थोक और खुदरा विक्रेता के रूप में सावनसुखा ज्वैलर्स ने पिछले दशक के दौरान शानदार प्रगति हासिल की है। कंपनी ने सिर्फ बिक्री को ही नहीं बढ़ाया है बल्कि इसने उद्योग में प्रतिष्ठा भी हासिल की है। कंपनी के सीईओ और चीफ डिजाइनर सिद्धार्थ सावनसुखा, जिन्होंने अपने पिता श्री रूपचंद सावनसुखा से इस कारोबार की बारीकियां सीखी, का कहना है - हमने लगातार प्रयास किया है कि सावनसुखा ज्वैलर्स का नाम वल्र्ड क्लास क्वालिटी का पर्याय बने। - सिद्धार्थ सावनसुखा ने जेमोलोजिकल इंस्टीच्यूट आफ अमेरिका से स्नातक की उपाधि हासिल की है। हाल के वर्षों में सावनसुखा ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में हिस्सेदारी की है, जिनमें शामिल हैं बहरीन -२०१२-, बंगलादेश २०१३ और दुबई २०१४।

दुनिया भर के कई प्रीमियम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोकेशों में इसे स्थान मिला है, तभी तो यह ग्लोबल इलिट की नजरों में आ सका। वर्ष २०११ में इसका चयन ए पीस बाइ जेम्सफील्ड के डिजाइन के लिए हुआ था। इसके अलावा २०१२ में फोरइवरमार्क द्वारा आस्कर के लिए बनाये गए इंडिया रेड कार्पेट कलेक्शन के निर्माण के लिए भी इसका चयन हुआ था। इस वर्श सावनसुखा के इयर कफ के जोड़े को आस्कर अवाड्र्स २०१४ के दौरान एक्सेप्शनल डायमंड ज्वैलरी कलेक्शन के रूप में चुना गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण इस सोशल कैलेंडर में सावनसुखा के इस आभूषण को सुपर मॉडल केरोलिना कुरू कोवा ने धारण किया था। सिद्धार्थ सावनसुखा का कहना है - हम अपने अंतराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं ताकि सावनसुखा के आभूषण दुनिया भर में मिल सके। इस समय अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात में हमारे गहने काफी बिक रहे हैं।

लक्ष्मी ज्वैलरी एक्सपोट्र्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरूआत १९७८ में अहमदाबाद से शुरू हुई और आज कौटूर ज्वैलरी में यह अग्रणी कंपनी है। पिछले चार दशक से इस कंपनी की सेवाओं की पहुंच न सिर्फ देश की अग्रणी ग्राहकों तक हुई बल्कि यह विदेशों में भी पहुंची। इसके कार्यलय गुजरात में हैं जबकि मुंबई में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है। इसने दुबई में भी एक कार्यालय खोल रखा है। इसलिए तो लक्ष्मी ज्वैलरी एक्सपोट्र्स प्राइवेट लिमिटेड का आज सोने और हीरे के आभूषण बनाने में काफी नाम हो चुका है।

कोटूर ब्राइडल ज्वैलरी के हिसाब से देखें तो लक्ष्मी ज्वैलरी एक्सपोट्र्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में शुरूआती कंपनी है जिसने इस तरह के आभूषणों को बनाना शुरू किया। इसने न सिर्फ कई भौगोलिक सीमाओं को तोड़ा बल्कि आम गहनों के अलावा एक्सक्लूसिव जडतार, पोलकी, हीरे, कुंदन ओर सोने के असेसरी बनाने में भी यह आगे रही। इसके आभूषण हर वक्त के लिए मुफीद हैं। इस समय लक्ष्मी ज्वैलरी एक्सपोट्र्स प्राइवेट लिमिटेड अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त अरब अमीरात में भी इसके आभूषणों का निर्यारत ही नहीं होता है बल्कि ये इसके बड़े बाजारों में शामिल है। कंपनी ने अपने उत्पादों एवं सेवाओं का प्रदर्शन अमेरिका, बंगलादेश, हांगकांग के विभिन्न मेलो एवं प्रदर्शनियों में भी किया है।

मई - जून २०१४





एमराल्ड ज्वेल इंडस्ट्री इंडिया लिमिटेड १९८४ से ही इस कारोबार में है और इसने अंतरराष्ट्रीय बाजार में १९९० से अपना कदम बढ़ाया। मध्य पूर्व के देशों के साथ साथ सिंगापुर, मलेशिया और दुबई में अपना वितरण नेटवर्क स्थापित करने के साथ ही इसने गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों की आपूर्ति के साथ ही बेहतरीन सेवा भी सुनिश्चित की। इसके अलावा ज्वैल एशिया (बहरीन शो), ग्लोबल जेम एंड ज्वैलरी फेयर (जीजेईपीसी के दुबई शो) जैसे अग्रणी प्रदर्शनियों में इसने भाग लिया। इसके सिंगापुर, कुआलांमंपुर और दुबई के व्यापारिक कार्यालयों में भी बेहतरीन रिस्पांस मिला। इससे उत्साहित होकर कंपनी अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड आदि देशों में कार्यालय खोलने की योजना बना रही है। सार्क देशों के अधिकतर अधिकतर नामी और स्थापित ज्वैलरों को इस समय एमराल्ड आभूषणों की आपूर्ति कर रहा है और अन्य देशों की ओर यह अग्रसर है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें तो एमराल्ड की काफी प्रतिष्ठा है और इसके उत्पादों की काफी मांग है। इस अवसर को भुनाने के लिए इसकी अनुषंगी इकाइयों की काफी प्रासंगिकता है। माना जा रहा है कि वेबसाइट पर विज्ञापन एवं प्रोत्साहन की रणनीति से यह शीघ्र ही हर सेगमेंट में अपनी पहुंच बना लेगी। कंपनी के मुख्य ग्राहकों में अनिवासी भारतीय -एनआरआई- शामिल हैं क्योंकि पूरी दुनिया में भारतीय स्टोर फैले हैं। इस समय कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिटेलिंग में उतरने की कोई योजना नहीं बना रही है। कंपनी की अनूठी डिजाइन शैली और तरह तरह के आभूषण प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर भारी पड़ते हैं। विभन्न डिजाइनों का फ्यूजन जो तैयार किया जाता है, उसके लिए स्विस, टर्की और जापान की स्टेट आफ दि आर्ट तकनीक से लैस मशीनों का उपयोग किया जाता है। इस तरीके से तैयार आभूषणों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है।
सेंको गोल्ड लि. इस कारोबार में पिछले ७७ वर्षों से है जबकि पिछले १० वर्षों से यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबार कर रहा है। सेंको गोल्ड कोलकाता की कंपनी है जो कि एक आभूषण फर्म के रूप में काफी ख्याति अर्जित की है। यह एक ऐसा नाम है जो कि इमेजिनेशन, इंस्पाइरेशन, इनोवेशन और हालमार्क और क्वालिटी का पर्याय है। सेंको गोल्ड पर लाखों लोगों का भरोसा है। पिछले छह दशकों से इसने जो मास्टरपीस तैयार किया है, उसी की बदौलत यह भारतीय ज्वलैरों के बीच छा गया है। इसका निर्यात अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर और दुबई में होता है। इसकी विशेषज्ञता २२ एवं २१ कैरेट के हाथ से बने आभूषणों में है। इस श्रेणी में यह कंपनी ढेरो श्रेणी के आभूषण तैयार करती है।

सेंको की फैक्ट्री ३००० वर्ग फुट से भी ज्यादा क्षेत्र में फैली है और यह साल में ५००००० से भी ज्यादा गहने तैयार करती है। भारत में कुशल कारीगरों के शहर के रूप में ख्यात कोलकाता में हाने की वजह से यह कंपनी अपने ग्राहकों को बेहद प्रतिस्पर्धात्मक कीमत पर आभूषण उपलब्ध कराती है। वैसे भी कोलकाता की पहचान हाथ से आभूषण बनाने के हब के रूप में है इसलिए सेंको गोल्ड ग्राहकों की अभिरूचि के अनुरूप गहनों के डिजाइन तैयार करती है। सेंको गोल्ड दुनिया भर के विभिन्न प्रतिष्ठित प्रदर्शनियों में भी हिस्सेदारी करती रहती है। इनमें टोरंटो, कनाडा और दुबई भी शामिल है। यह कंपनी नए सझीदारों और संयुक्त उपक्रम के जरिये अपनी उपस्थिति और बढ़ाना चाहती है।

मई - जून २०१४




जेमोलोजिकल साइंस इंटरनैशनल (जीएसआई) के सीईओ श्री मार्क गर्शबुर्ग के साथ दि न्यू ज्वैलर्स हिन्दी की खास मुलाकात हुई। श्री मार्क ने जीएसआई की भारत में उनके कार्य और विभिन्न गतिविधियों पर खुलकर चर्चा की।

जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में भारत के विद्यार्थियों को अपने कॅरियर की प्लानिंग करते समय आपके मुताबिक किन तीन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए?

मेरे हिसाब से उनमें नए उत्पाद बनाने के लिए मनोभाव के साथ सुंदरता के प्रति असीम लगाव और काम करने की जिद एवं दृढ़ता होनी चाहिए।

भारत में ज्वैलरी का कारोबार ज्यादातर परिवारों द्वारा चलाया जाता है और इस कारण से भारतीय ज्वैलर्स वैश्विक बिजनेस परिवेश में पीछे रह जाते हैं। उनका वैश्विक स्तर पर कारोबारी विकास नहीं हो पाता। क्या आपको लगता है कि भारत के ज्वैलर्स को जेमोलोजी-सर्टिफिकेशन और ग्रेडिंग में प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रोग्रामों की आवश्यकता है?

आज के चुनौतीपूर्ण बिजनेस वातावरण में आपको उत्पादों की खरीद और बिक्री की पद्धति के प्रति स्पष्टता होनी चाहिए। जेमस्टोन्स की बनावट, कलर, क्लारिटी और ग्रेड्स के अंतर को ठीक से समझना और उसके अन्य जेमोलोजिकल चरित्रों को उसके मूल्यांकन के साथ जोड़ना उल्लेखनीय कार्य है। मैं तो यह भी मानता हूं कि ज्वैलर्स को वर्तमान जेमस्टोन्स के विभिन्न ट्रीटमेंट्स और मानव निर्मित जेमस्टोन्स के बारे में भी जानना चाहिए। इन सबके लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम अत्यंत आवश्यक है।

जीएसआई के आज पूरे देश में कितने केंद्र हैं पार्टनर और फ्रेंचाइज सहित। भारत में आपके आगामी विस्तार की क्या योजनाएं हैं?

जीएसआई में अत्यंत पारदर्शक कंपनी संरचना है। हमारे यहां फ्रेंचाइज या पार्टनरशिप का विकल्प नहीं है। हम पूरे देश में विस्तार करना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल हम महराष्टड्ढ, गुजरात और केरल राज्य में अपनी पैठ मजबूत कर रहे हैं।

पारंपरिक नैचुरल जेम मार्केट्स में सिंथेटिक डायमंड्स आने लगे हैं। इनकी जांच के लिए एडवांस्ड सिंथेटिक डायमंड डिटेक्शन मशीन्स भी इंवेंट हो चुके हैं। भारत के ज्वैलर्स को आप सिंथेटिक डायमंड्स के बारे में क्या सलाह देना चाहेंगे और क्या जीएसआई ने इसके लिए कोई विशेष प्रोग्राम डिजाइन किया है?

मेरी सलाह है कि आप अपने कारोबार में चांस न लें और केवल विश्वसनीय और प्रतिष्ठित सप्लायरों के साथ ही व्यापार कीजिए। जेमस्टोन्स की टेस्टिंग एवं सर्टिफिकेशन के लिए स्थापित वैध जेमोलोजिकल लैब्स की ही सेवाएं लीजिए। जीएसआई में तय आकार के उरप यदि कोई लूज डायमंड ग्रेडिंग के लिए आता है तो हम उसकी जांच अत्यंत आधुनिक उपकरणों एवं यंत्रों से करते हैं। हम ट्रीटमेंट्स और ओरिजीन की जांच के लिए खास तौर से डिजाइन किए हुए अलग अलग प्रोग्राम्स और सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं।


मई - जून २०१४


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