जीजेईपीसी ने पहले इंडिया ज्वैलरी बायर सेलर मीट
का कोलकाता में आयोजन किया

इसमें ८ देशों के ३० अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों ने भाग लिया बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत, मलेशिया,
सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और यूएसए के अनेक विजिटर्स
भारत में ज्वैलरी खरीदने के इरादे से आए।

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने कोलकाता में ४ और ५ दिसंबर, २०१८ को दो दिवसीय इंडिया ज्वैलरी बायर-सेलर मीट (बीएसएम) का आयोजन किया। इस मीट में बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और अमेरिका के अग्रणी ज्वेलर्स ने भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य एक विशाल संभावित बाजार खोलना था, जिससे कि द्विपक्षीय निवेश और व्यापार के अवसरों को आगे बढ़ाया जा सके।

कोलकाता में पहली बार आयोजित इस व्यापार बैठक का उद्देश्य उपरोक्त देशों के प्रमुख व्यावसायिक निर्णय लेने वाले निर्माताओं को आमंत्रित करना है और भारत के प्रमुख २४ भारतीय आभूषण निर्माताओं के साथ आमने-सामने बैठक की व्यवस्था करना है जिसमें वे अपने ट्रेंडी और लेटेस्ट प्लेन गोल्ड क्राफ्टेड वैलरी और स्टडेड ज्वैलरी दिखला सके जिससे कि एक सांस्कृतिक, व्यापार और पेशेवर स्तर पर नए विश्वास और समझ विकसित करके आगे के व्यावसायिक अवसरों को भुनाया जा सके।

इस अवसर पर भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार श्रीमती रूपा दत्ता ने कहा कि जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर का हमारे निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे निर्यात में इसका हिस्सा १४-१६ प्रतिशत से अधिक है। यह भारत सरकार के लिए एक प्राथमिकता क्षेत्र है। सरकार द्वारा व्यापार को आसान बनाने के लिए अनेकों कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर को काफी तरजीह देती है, इसे प्रोत्साहित करती है, क्योंकि इस इंडस्ट्री में रोजगार की काफी संभावनाएं रहती हैं। भारत का पूर्वी हिस्सा विशेष रूप से बंगाल का इंडियन ज्वैलरी इको-सिस्टम में काफी योगदान है, क्योंकि यहां के कारीगर अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं, खासकर बंगाल की हस्तनिर्मित ज्वैलरी डिजाइनों के मामले में। कोलकाता ज्वैलरी पूरी दुनिया में मशहूर हैं और यहां की हस्तनिर्मित ज्वैलरी दूसरे देशों में वैल्यू एडिशन में योगदान करते हैं। यह भारत में हस्तनिर्मित आभूषणों के मामले में भी होना चाहिए, विशेष रूप से अत्यधिक कुशल जो हमारे देश के मास्टर कारीगरों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। इन तरह के बीएसएम का आयोजन करने का एक प्रमुख उद्देश्य इन उत्तम हस्तशिल्प वाले आभूषणों को बढ़ावा देना है, जिससे कि उनका वैल्यू एडिशन हो सके, हमारे आभूषणों की ब्रांडिंग में सुधार किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उन्हें बेहतर स्थान मिल सके। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार शो में जीजेईपीसी को भाग लेना चाहिए, बीएसएम का आयोजन करके विभिन्न प्रचार गतिविधियों के माध्यम से जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को जोरशोर से प्रोत्साहित करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जीजेईपीसी के साथ मिलकर सभी प्रमुख जेम एंड ज्वैलरी संकुलों में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित कर रही है। ये केंद्र सेट-अप किये जा रहे हैं ताकि एमएसएमई के मुख्य रूप से कारीगर अपने उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार कर सकें। तीन सीएफसी पहले से ही स्थापित किए जा चुके हैं और चौथा सीएफसी का काम जुनागढ़, गुजरात में पूरा हो चुका है, और जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। हमें पूरे देश में १३ सीएफसी स्थापित करने की मंजूरी दी गई है और हमने इसके लिए कोलकाता, राजकोट, कोयंबटूर, जयपुर, दिल्ली और हैदराबाद जैसे क्लस्टर की पहचान की है। कोलकाता सीएफसी का काम दिसंबर २०१८ के अंत तक शुरू होगा। जेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यात में सोने के आभूषण का निर्यात अच्छा रहा है। वित्तीय वर्ष २०१६-१७ की तुलना में सोने के आभूषणों के निर्यात में वित्तीय वर्ष २०१७-१८ में १०.९ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। भारत फिलहाल दुनिया में स्वर्ण आभूषण का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। इस इंडस्ट्री को अपने उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है और इसमें महंगे और किफायती वैल्यू चेन को बढ़ाने की जरुरत है जिसे दुनिया भर के युवा आसानी से स्वीकार कर लेंगे।

जीजेईपीसी के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में सरकार ने व्यवसाय करने में आसानी लाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जो उद्योग को बढ़ने में मदद कर रहा है। जीजेईपीसी इस तरह के बीएसएम को विभिन्न राज्यों में आयोजित करता रहा है जहां हमारे एमएसएमई कारोबारियों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है। इससे हमारे विक्रेताओं को अंतरराष्ट्रीय मांगों को जानने में भी मदद मिलती है और साथ ही खरीदारों के मुताबिक निर्माताओं को उत्पाद तैयार करने की जानकारी मिलती है। हमारे इस बीएसएम में २४ भारतीय एक्जीबीटरों के ट्रेड्न्डी और लेटेस्ट प्लेन गोल्ड क्राफ्टेड ज्वैलरी और स्टडेड ज्वैलरी प्रदर्शित किए गए हैं और ये ८ देशों बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और यूएसए के ३० अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के सामने प्रदर्शित किये गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जब भी जीजेईपीसी ने मंत्रालय के कार्यालयों से संपर्क किया है, तो वाणिज्य मंत्री व विभिन्न सचिव, सभी ने बहुत सकारात्मक और सक्रिय रहे हैं और निर्यात संबंधी मुद्दों के बाधाओं को हल करने के लिए सहायक रहे हैं।