जीजेएससीआई रिकोगनिशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल)-सुनार,

पहल को भारी प्रतिसाद


एडुलॉब्स अकादमी में इसके पहले बैच का राजीव प्रताप

रूडी की उपस्थिति में सम्मान

जेम एंड ज्वैलरी स्कील काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेएससीआई) के पिछले महीने कोलकाता के एडुलॉब्स अकादमी में शुरु हुए सुनारों के लिए रिकोगनिशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) प्रोग्राम को सुनारों से भारी प्रतिसाद मिल रहा है। इस अकादमी में १२५ कारीगरों के पहले बैच ने अपने एसाइनमेंट को पूरा कर लिया। इसके लिए एडुलॉब्स अकादमी में प्रमाण पत्र देने के लिए माननीय केंद्रीय राज्य कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रुड़ी की उपस्थिति में कारीगरों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जीजेएससीआई के सीईओ बिनीत भट्ट और एडुलॉब्स के सीईओ प्रशांत पचिशिया भी उपस्थित थे। जीजेएससीआई के लिए यह एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

जीजेएससीआई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कौशल भारत कार्यक्रम में लगातार योगदान दे रहा है और इसके लिए अनेक उपायों पर काम कर रहा है। जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में काम कर रहे ३.५ मिलियन श्रमिकों के प्रमाणीकरण की दिशा में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। आरपीएल के प्रमाण पत्र अभ्यर्थियों के अंतर्निहित कौशल पहचानना और उसे प्रमाणित करना जिससे कि उन्हें और बेहतर जॉब मिल सके तथा वे उद्यमिता के अवसरों का लाभ ले सकें। आज यह सबसे जरुरी है कारीगरों के जीवन में बदलाव लाना जिससे कि इंडस्ट्री में उनका स्थायित्व सुनिश्चित हो सके। नहीं तो उनके साथ भारतीय ज्वैलरी मेकिंग की स्टाइल और टेक्निक मर सकती है।

सम्मान समारोह के बाद स्वर्ण कथा की घोषणा की गई जिसमें १०० स्वर्ण कारीगरों की सफलता की कहानियां प्रकाशित की जाएगी। इसके अलावा यहां कारीगरों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के लिए डिजिकारीगर पहल की शुरुआत करने की भी घोषणा की गई। कारीगरों को आरपीएल प्रोजेक्ट के लिए यूट्यूब चैनल की सुविधा दी जाएगी जिसमें सभी कारीगरों के ईमेल एकाउंट, एबीएसएस आर्गेनाइजेशन के फेसबुक पेज, एनडीएलएम सर्टिफिकेशन लिंकेज और कारीगरों के लिए सेल्फ-लर्निंग मॉड्यूल की भी सुविधा दी जाएगी।

भारत सरकार के राज्य कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रुड़ी ने इस अवसर पर कहा कि डिजिटलीकरण और स्किलिंग भारत के एक उज्जवल भविष्य के लिए दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। आज मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारे दोनों विजनों को जीजेएससीआई ने अपने आरपीएल प्रोग्राम के माध्यम से वास्तविकता में बदलने के लिए कोलकाता के एडुलॉब्स अकादमी के साथ निष्पादित किया है। इससे कोलकाता के कारीगरों का सशक्तिकरण होगा और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा।

जीजेएससीआई के सीईओ बिनित भट्ट ने कहा कि जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए इस इंडस्ट्री को और अधिक कुशल और विशेषज्ञ प्रतिभा की आवश्यकता है जो इस इंडस्ट्री को अगले स्तर तक ले जा सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने आरपीएल कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कोलकाता, जो सबसे बड़ा आभूषण केन्द्रों में से एक है, से इस कार्यक्रम को भारी प्रतिसाद मिला है जो हमारी टीम के लिए एक प्रेरणा है।

जेम्स एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेएससीआई) के सीईओ बिनीत भट्ट इंडस्ट्री में २६ वर्षों के अनुभवी हैं। एमबीए (मार्केटिंग) योग्यता रखने वाले बिनीत जीआईए के जीजी और एफजेसी सर्टिफिकेट धारक भी हैं। इंडस्ट्री में अपने कार्यकाल के दौरान बिनीत ने विभिन्न भूमिकाएं निभाई है जिसमें उनके न्यूयार्क के एक अग्रणी एक्सपोर्टर के साथ ४ साल कार्य भी शामिल है। हालांकि, जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के प्रति उनके आकर्षण और यहां के लोगों को सशक्त बनाने के उनके जुनून के कारण ही उन्होंने जीजेएससीआई के वर्तमान कार्यभार ग्रहण किया है। बिनीत जीजेएससीआई में वर्ष २०१५ में शामिल हुए और उसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर जीजेएससीआई का संचालन किया। उनके नेतृत्व में जीजेएससीआई के सभी प्रोग्राम इंडस्ट्री के लिए कुशल श्रम शक्ति के निर्माण करने पर आधारित रहे हैं तथा कारीगरों के जीवन स्तर को उन्नत करना लक्ष्य बनाया है। जीजेएससीआई में अपनी भूमिका के अलावा बिनीत एक कॉर्पोरेट ट्रेनर के रुप में जाने जाते रहे हैं और मुंबई स्थित आईआईजीजे में विजिटिंग फैकल्टी हैं।

रिकोनिशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल)

आरपीएल कारीगरों के पूर्व शिक्षण, अनुभव और प्रतिभा को पहचान कर योग्यता दिलाने की दिशा में काम करता है। ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग आर्गेनाइजेशनों द्वारा अनुभवी कारीगरों को नौकरी पर रखा जाता है। कारीगर रोजगार संगठनों के गैर-औपचारिक शिक्षा चैनलों के माध्यम से अनुभवी अपने कर्मचारियों को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रमाणित पाने के लिए और क्रम में क्या सीखा है, पर निर्माण करने में उनकी कुशलता समझने के लिए विकल्प चुन सकते हैं। मुख्य रूप से आरपीएल के दो प्रकार के होते हैं। योजना और गैर-योजना, दोनों लगभग समान हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि आरपीएल योजना के तहत मूल्यांकन पर पुरस्कार राशि प्रदान किया जाता है।

जेम एंड ज्वैलरी स्कील काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेएससीआई)

जेम एंड ज्वैलरी स्कील काउंसिल ऑफ इंडिया हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कौशल भारत की पहल को अगले स्तर पर ले जाने का काम करता है। हमने अब तक स्थापना के बाद से ८०,००० से अधिक से अधिक उम्मीदवारों को कुशल बनाया है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में स्थापित, जीजेएससीआई ने लगातार जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के कुशल श्रम शक्ति को बनाने की दिशा में काम किया है।

जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में है जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग ६% योगदान करता है। इंडस्ट्री में वर्तमान में ३५ लाख लोग कार्यरत हैं और इसमें सन २०२२ तक २५ लाख और अतिरिक्त रोजगार पैदा होने की उम्मीद की जा रही है। दूसरी ओर, जागरुक कुशल कारीगरों की संख्या कम है और उनका महत्व भी कम है। इस अंतर को पाटन के लिए जीजेएससीआई ने कारीगरों के लिए एक मानकीकृत और गुणात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर रहा है। हालांकि कुछ मामलों में कौशल विरासत में मिला है, इस प्रशिक्षण से वे अपने कौशल के स्तर का और उन्नयन कर सकते हैं और इससे वे अपने जीवन स्तर में भी सुधार ला सकते हैं। जीजेएससीआई ने इंडस्ट्री के कारीगरों की जरुरत के लिए नेशनल अक्यूपेशन स्टैंडर्ड का निर्माण किया है जिसमें ११७ विभिन्न योग्यताओं का समावेश है। इन योग्यताओं से इंडस्ट्री के तकरीबन ८० प्रतिशत से अधिक मैनपावर की जरुरत को पूरा किया जा सकता है। इसकी ट्रेनिंग के लिए कोर्स को कई भाषाओं में तैयार किया गया है। इसमें ज्वैलरी के सभी सेगमेंट के लिए सर्टिफिकेशन शामिल हैं जिसमें डायमंड प्रोसेसिंग, कलर्ड जेमस्टोन प्रोसेसिंग, ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग, होलसेल और रिटेल सभी का समावेश है।

अपनी स्थापना के बाद से जीजेएससीआई ने कई समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षर किए हैं जिसमें आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी), एमएसएसडीएस (महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी) और नकली आभूषण मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इज्मा) और असमंत फाउंडेशन पालघर के साथ एक त्रिकोणीय पार्टी समझौते का समावेश है। इसने कई कार्यों जैसे वल्र्डस्कील्स इंडिया फाइनल्स, दिल्ली आभूषण और रत्न मेला (डीजेजीएफ), मुंबई स्वर्णकार संघ सम्मान, एएसएपी कौशल कॉन्क्लेव, एमएसडीई कौशल कॉन्क्लेव, एमकेएसएसएस के साथ संबद्धता और अधिक की तरह की गतिविधियों में भाग लिया है।

जीजेएससीआई समझता है कि हर व्यक्ति अद्वितीय है और उसके पास अद्वितीय शक्तियां होती है। इसी कारण से आरपीएल कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके तहत कारीगरों को अक्सर उनके पिछले अनुभवात्मक सीख की पहचान, आकलन और योग्यता पाने की दिशा में प्रतिभा पहचानता करने के लिए प्रेरित किया गया है। जीजेएससीआई की नींव को जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी), ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ), सिप्ज रत्न एवं आभूषण मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसजीजेएमए) और जयपुर ज्वैलरी एसोसिएशन (जेजेए) द्वारा समर्थित किया गया है।