जीएसआई बना दुबई का पहला आईएसओ १७०२५ प्रमाणित लैब

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) को दुबई में आईएसओ १७०२५ और डीएसी - आरईक्यू - ०१ प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। इस प्रमाणीकरण को प्राप्त करने वाला जीएसआई दुबई में पहला इंटरनेशनल जेमोलोजिकल आर्गेनाईजेशन बन गया है।

आईएसओ / आईईसी १७०२५ को पहली बार इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाईजेशन (आईएसओ) और इंटरनेशनल इलेक्ट्रो टेक्निकल कमीशन (आईईसी) द्रारा १९९९ में जारी किया गया था। इसमें स्टैंडर्ड मेथॉड, नॉन-स्टैंडर्ड मेथॉड्स और लैब डेवलप्ड मेथॉड्स का इस्तेमाल टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन के लिए किया जाता है और इसे इसे दुनिया भर में कैलिब्रेशन और टेस्टिंग लैबोरेटरीज के लिए एकमेव अत्यंत महत्वपूर्ण स्टैंडर्ड माना जाता है।

इस प्रकार के स्तरीय प्रमाणीकरण दुबई एक्रिडिएशन सेंटर (डीएसी) से प्राप्त करने के लिए जीएसआई के हीरे, जेमस्टोन और ज्वैलरी टेस्टिंग प्रोसेसेस, प्रोसिजर्स और इक्विपमेंट्स को कड़े ऑडिट के दौर से गुजरना पड़ा। जीएसआई के प्रेसीडेंट और सह-संस्थापक डेबी अजार ने कहा कि दुबई में इस उपलब्धि से हमें विशेष रूप से गर्व महसूस हो रहा है, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और सम्मानित तरीके से, सटीकता, विश्वसनीयता, स्थिरता और काम की वैधता जो हम दुबई में ही नहीं बल्कि हम दुनिया भर में कर रहे हैं, को प्रमाणित करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रमाणीकरण को प्राप्त करने से जीमोलॉजिकल सर्विसेज क्षेत्र में हमारी विश्वसनीयता बढ़ती है और जीएसआई के ग्राहकों और भविष्य के ग्राहकों को हमारे काम में लंबे समय तक भरोसा बना रहेगा।

अधिक जानकारी के लिए कृपया www.gemscience.net पर जाएं या ७०४५७५७६५९ पर कॉल करें या brandee@thefinegirl.com/priti.dubey@gemscience.net पर लिखें।

जीएसआई के बारे में

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) एक स्वतंत्र जेमोलोजिकल आर्गेनाइजेशन है जो हीरे, जेमस्टोन और ज्वैलरी ट्रेड के सभी स्तरों पर जेमस्टोन आईडेंटिफिकेशन और ग्रेडिंग सेवाएं, जेमोलोजिकल रिसर्च और शैक्षणिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। दुनिया भर के हजारों ग्राहकों के लिए एक भरोसेमंद और विश्वसनीय पार्टनर के रुप में जीएसआई पूरी तरह से अपने सभी परिचालनों में उच्चतम नैतिक मानकों और प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्ध है। जीएसआई २१ वीं शताब्दी में स्थापित एकमात्र प्रमुख जेमोलोजिकल इंटरप्राइज है और आज यह दुनिया में सबसे बड़ा बन गया है।