भारत में सर्वप्रथम इंटरनेशनल स्टैंडर्ड लाने वाले फस्र्ट डायमंड ग्रेडिंग इंस्टीट्यूट

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल ने डीडीईएस के दूसरे संस्करण में भाग लिया

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) जो दुनिया की सबसे बड़ी जेमोलॉजिकल संगठनों में से एक है, ने दो दिन के कार्यक्रम डीडीईएस (डायमंड डिटेक्शन एक्स्पो एंड सिंपोसियम) के दूसरे संस्करण में भाग लिया। इसका उद्देश्य सिंथेटिक्स डायमंड्स की जांच के लिए मशीनें, विशेषज्ञता और उपकरणों को पेश करने वाली कंपनियों को मंच प्रदान करना है।

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) के प्रयोगशाला विभाग ने सबसे पहले स्टार और मेली आकार वाले डायमंड्स के बैच-परीक्षणों के लिए इन्नोवेटिंग मेथॉड्स सूरत में लाया।

जीएसआई ने अपने विशेषज्ञ अनुसंधान और विकास दल के नेतृत्व में पहले भी सेमिनार आयोजित करके सिंथेटिक हीरे का पता लगाने के लिए ज्ञान प्रदान करने का सक्रिय कदम उठाया है।

इस प्रीमियम इंडस्ट्री मंच पर जीएसआई को यह घोषणा करने पर गर्व है कि सूरत कार्यालय में इसकी सेवाएं अपनी नई बड़ी सुविधा में स्थानांतरित हो गई है और यहां डायमंड ज्वैलरी यादृच्छिक मूल परीक्षण, व्यापक मूल परीक्षण, गहने स्क्रीनिंग, ढीले हीरा परीक्षण, हीरा स्क्रीनिंग, मेली और स्टार बैच मूल परीक्षण और स्क्रीनिंग, डायमंड गहने उपचार परीक्षण और ऑन-साइट हीरा मूल स्क्रीनिंग की सुविधा है साथ ही इसकी युनिक मोबिलैब सेवा जो ऑनसाइट डायमंड ओरिजिन स्क्रिनिंग तथा डायमंड ज्वैलरी स्क्रिनिंग के लिए भी उपलब्ध है।