जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर पर जीएसटी का प्रभाव
जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल

१ जुलाई, २०१७ से भारत में नए वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन के बाद देश में ज्वैलरी के डीलरों को जेम्स पर ०.२५ से ३% तक टैक्स का भुगतान करना होगा। अधिक विशेष रूप से, सोना, सेमी-डायमंड्स और कट डायमंड्स पर ३% टैक्स होगा जबकि कच्चे हीरे (रफ डायमंड्स) पर ०.२५% टैक्स लगाए जाएंगे। नए टैक्स की दरें ज्वैलरी के लिए पुराने टैक्स दरों के अनुरूप हैं, जो कि केरल के अलावा सभी राज्यों के लिए २ से २.५% के बीच है। नए यूनिफाइड सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत, उपभोक्ताओं को सोने और हीरे के गहने पर प्रभावी रूप से १३% शुल्क चुकाना होगा क्योंकि जीएसटी परिषद ने १०% आयात शुल्क को बनाए रखा है।

इस विषय पर नीचे कुछ और जानकारी दी गई है।

भारत में जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को देखें तो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग ७% हिस्सा जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री का है। यह इंडस्ट्री भारत के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। वैश्विक स्तर पर, भारत इसमें अग्रणी है। उदाहरण के लिए, देश दुनिया में सबसे बड़ा हीरा एक्सचेंज भारत डायमंड बोर्स (बीडीबी) का घर है। मुंबई स्थित यह एक्सचेंज २० एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां २,००० से अधिक हीरे के डीलरों का घर है - छोटे और बड़े दोनों, साथ ही उद्योग में अन्य सेवा प्रदाताओं जैसे बैंक और कस्टम हाउस भी हैं। भारत वर्तमान में दुनिया में किसी अन्य देश की तुलना में अधिक हीरे की कटिंग, पॉलिश और निर्यात करता है। विशेष रूप से, जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय डायमंड कटर्स आज दुनिया के हर १२ कट हीरे में से ११ का उत्पादन करते हैं।

इसके अलावा, मूल्य और मात्रा के आधार पर देश में वैश्विक उत्पादन क्रमशः ६०% और ८५% है। इसके अलावा, एक अग्रणी मार्केट रिसर्च कंपनी रिसर्च एंड मार्केट्स के अनुमान से पता चलता है कि भारत के जेम इंडस्ट्री को २०१४ से २०१ ९ तक लगभग १६% की एक कंपाउंड वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) का अनुभव होगा। कुछ कारक जिन्होंने भारत को दुनिया का ज्वैलरी कैपिटल बना दिया है। इसमें अपेक्षाकृत सस्ती लेकिन उच्च कुशल श्रम की उपलब्धता शामिल है। इस क्षेत्र के दोनों स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व देते हुए, भारत सरकार नियमित रूप से इस उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के उपाय उठाती है। ऐसा ही एक उपाय जीएसटी के हालिया कार्यान्वयन था।

जीएसटी के लिए मार्केट रिएक्शन

उद्योग में प्रमुख खिलाड़ी मार्क जीर्सबर्ग, जीएसआई के सीईओ, एक वैश्विक एवं स्वतंत्र जेमोलोजिकल आर्गेनाइजेशन है, ने नए टैक्स दर के साथ उनकी सहायता और संतुष्टि व्यक्त की है। विशेष रूप से, गेर्शबर्ग का मानना है कि नई जीएसटी से ग्रोथ की दरें बढ़ेगी और इससे ज्वैलरी उद्योग को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, इन दरों से उद्योगों में पारदर्शिता बढ़ेगी। भारत का डायमंड एक्सपोट्र्स जीएसटी के कारण डायमंड की कीमत को लेकर वैश्विक बाजार पर कम प्रतिस्पर्धी बन सकता है क्योंकि थाईलैंड, चीन, श्रीलंका और वियतनाम सहित कुछ एशियाई देशों ने आयातित कच्चे हीरे पर जीएसटी नहीं लगाया है।

निष्कर्ष

भारत में जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को व्यवस्थित करने के लिए, भारत सरकार ने २१ जुलाई को प्रभावी नई जीएसटी कर दरों की शुरुआत की है। नई दरों के तहत, सेमी-डायमंड्स औऱ कट-डायमंड्स पर ३% टैक्स लगेंगे जबकि कच्चे हीरे के आयात पर ०.२५% टैक्स लगेगा।