जीजेसी नेशनल ज्वैलरी अवाड्र्स के जूरी ने आईजीआई
के बिलियन-ईयर-ओल्ड अभियान को चलाया

ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने ११ फरवरी, २०१९ को नेशनल ज्वैलरी अवाड्र्स समारोह में इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) दूारा किये जाने वाले एकीकृत जागरूकता अभियान को अवार्ड देकर हरी झंडी दिखाई। यह अवार्ड जीजेसी के अध्यक्ष अनंत पद्मानाभान द्वारा तहमस्प प्रिंटर, प्रबंध निदेशक-आईजीआई और रामित कपूर, महाप्रबंधक- आईजीआई को एक अरब साल पुराने हीरे की विरासत को मजबूत करने और ग्राहकों में जागरूकता फैलाने के लिए तैयार डिज़ाइन और प्रयासों के लिए दिया गया।

यह अभियान अक्टूबर में शुरू हुआ था जिसका उद्देश्य त्यौहारी सीजन में बेशकीमती ज्वैलरी पीसेस के प्रति ग्राहकों में मीडिया के माघ्यम से जागरुकता फैलाना और अनमोल गहनों के बारे में ग्राहकों को सशक्त और शिक्षित करना था। समिति ने शंकर सेन, उपाध्यक्ष, जीजेसी द्रारा हीरे के गहनों की मांग को प्रोत्साहित करने चलाये जा रहे अभियान और उसके बहुमूल्य योगदान की सराहना की, जिससे कि नेचरल हीरे को बढ़ावा देने के लिए एक साझा मंच पर बिरादरी के सभी सदस्य एक साथ आ सकें।

इस अवसर पर आईजीआई के एमडी तहमास्प प्रिंटर ने कहा कि आईजीआई द्रारा बिलियन-ईयर-ओल्ड अभियान हीरों की वर्तमान धारणा को सुधारने और इसे मदर अर्थ द्रारा अनूठे उत्पाद के रूप में पेश करने का एक प्रयास था। हीरे की सच्ची अखंडता उसके मूल में होती है और आईजीआई इससे अत्यंत सुंदर ज्वैलरी पीसेस बनाने के लिए तैयार रहता है। मैं जीजेसी और समिति द्वारा दिए जाने वाले समर्थन और सराहनीयता के लिए आभारी हूं।

आईजीआई के जनरल मैनेजर रमित कपूर ने कहा कि आपके पास एक अरब साल पुराना ऐसी कौन सी चीज है? इस विचार को हम और हमारी टीम ने देश के अग्रणी रिटेलरों को अरबों साल पुरानी हीरे की यात्रा और हीरों की विरासत से अवगत कराया। हम आने वाले वर्षों में अधिक आर्गेनाइजेशनों से जेनेरिक डायमंड प्रमोशन करने का आग्रह करते हैं।

इस बेहतरीन कांसेप्ट को एक अभियान के माध्यम से पूरे देश में हीरा प्रेमियों तक पहुंचाना है। देश के २४ से अधिक शहरों में इसे पहुंचाया जा चुका है। जो सही में गौरान्वित पल है। अनेक रिटेलरों के इससे जुड़ने और इस अभियान को सफल बनाने और पहचान दिलाने में सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।