कोवाई सिल्वर प्रा. लिमिटेड

कोवाई सिल्वर प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गोपाल पटेल जो सिल्वर ज्वैलरी के मैन्यूफैक्चरर्स और डीलर हैं, ने भारत में सिल्वर इंडस्ट्री के बारे में खास बातचीत की और अपने ज्वैलरी बिजनेस के संबंध में विस्तार योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सोने की जगह सिल्वर ज्वैलरी के फायदों एवं विशेषताओं पर प्रकाश डाला।

आप सिल्वर ज्वैलरी की मैन्यूफैक्चरिंग में एक अग्रणी लीडर हैं। इस बिजनेस में आप कब आए और आपकी कंपनी द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों की विशेषता और विशेषज्ञता के बारे में बताएं।

वर्ष १९९० हमने अपना कारोबार शुरू किया। मूल रूप से हम किसान परिवार से हैं और इस ज्वैलरी बिजनेस में मैं नई एवं पहली पीढ़ी का ज्वैलर हूं। आज हम पूरी तरह से स्थापित कंपनी हैं और हमारा दैनिक कारोबार १००० टन सिल्वर ज्वैलरी की है। हम अपने कोयंबटूर हेड ऑफिस से तमिलनाडु और केरल के बाजारों को कवर करते हैं। मैन्यूफैक्चरिंग हमारे तीन उत्पादन केंद्रों में होती है। ये इकाई राजकोट में हैं औऱ इनमें ८० कर्मचारी काम करते हैं। हम पायल, अंगूठे की रिंग, मोल्डिंग आईटम्स जैसे स्टैच्यू, कड़ा, रिंग, बैंगल्स आदि बनाने में माहिर हैं और सलेम, मदुरै, चेन्नई, बैंगलोर में हमारे उत्पादों को वितरित किया जाता है।

हमारी विशेषज्ञता हमारे गुणवत्ता मानक है। हम उत्पादों को सही तरीके से बनाने को महत्व देते हैं। मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस में सोल्डरिंग, पॉलिशिंग और एनामलिंग के दौरान हम तीन स्तर पर गुणवत्ता की जांच करते हैं। हम उत्पादों की गुणवत्ता में कभी समझौता नहीं करते। प्रॉफिट मार्जिन के बजाय हम ग्राहकों की संतुष्टि को पहले तरजीह देते हैं।

हमारी विशेषज्ञता सोल्डरिंग का काम है जो ज्वैलरी को एकदम परफेक्ट फिनिश देता ह

क्या आप अपने विविध ज्वैलरी कलेक्शनों को आने वाले दिनों में विदेशी बाजारों में विस्तार करना चाहेंगे।?

फिलहाल समय की कमी के कारण हम निर्यात गतिविधियों में नहीं हैं। आने वाले दिनों में हम इसमें आ सकते हैं क्योंकि हमारे पास इसका लाइसेंस है। अपनी विस्तार योजनाओं में हम सिल्वर की एक ही गुणवत्ता का निर्माण करना सोच रहे हैं जो थाईलैंड और चीन जैसे विदेशी देशों से आयात किया जाता है। भारत सिल्वर ज्वैलरी बनाने से संबंधित सभी तकनीकों में आत्मनिर्भर है और हम उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। भारतीयों की मानसिकता है कि आयातित आइटम गुणवत्ता में अच्छे होते हैं लेकिन हम इसे गलत साबित करना चाहते हैं। हम भी समान रूप से कुशल हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरुप ही अपनी ज्वैलरी तैयार करते हैं।

आप वर्षों से सिल्वर मैन्यूफैक्चरिंग में हैं। सोने की जगह सिल्वर पहनने के क्या फायदे हैं?

   सोने के बनिस्पत सिल्वर ज्वैलरी अधिक किफायती है। सोने की कीमतें हमेशा ऊंची होती हैं। जो व्यक्ति अधिक अलंकृत होने में रूचि रखते हैं वे सिल्वर की ज्वैलरी को आसानी से अपना सकते हैं।

    सिल्वर ज्वैलरी को कम लागत में सोने की पॉलिश करके सोने का रूप दिया जा सकता है।

   पाँव पर सोने के आभूषण पहने नहीं जा सकते क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करने वाला पवित्र धातु माना जाता है।

   चोरी से भय से बचा जा सकता है। सिल्वर ज्वैलरी को रोजमर्रा के जीवन और यात्रा के दौरान पहना जा सकता है।

    सिल्वर ज्वैलरी पहनने से स्वास्थ्य फिट रहता है।

कीमती धातुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है लेकिन पिछले दो वर्षों में में चांदी की कीमत काफी कम हो गई है। क्या आप इसकी कीमतों के अचानक गिरावट के कारण बता सकते हैं?

चांदी की कीमतों में भारी गिरावट का वास्तविक कारण मुझे भी नहीं मालूम है। चांदी की कीमतों में भारी गिरावट के चलते उन लोगों को अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है जिन्होंने सिल्वर के कच्चे माल को स्टोर किया था।