पी. मंगतराम ज्वैलर्स ने हैंडमेड ज्वैलरी बनाने वाले कारीगरों के उत्थान के लिए एक खास पहल की शुरुआत की

भारत के सबसे बड़े स्टडेड फाइन ज्वैलरी के मैन्युफैक्चर्स में से एक पी. मंगतराम ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड ने भारत में हैंडमेड ज्वैलरी बनाने वाले कारीगरों की स्थिति को काफी करीब से देखा है। इस वर्ष के आईआईजेएस में उन्होंने इन कारीगरों की कठोर स्थिति को चित्रित करने वाली एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, कंपनी ने इस समकालीन मुद्दे को हल करने के लिए कुछ आवश्यक समाधान भी प्रदर्शित किए।

फाइन ज्वैलरी खरीदने से लाखों चेहरे पर मुस्कुराहट हो सकती है, लेकिन इस ग्लिटरिंग इंडस्ट्री के पीछे एक गहरी कहानी है। भारत की यह पुरानी कला हैंड ज्वैलरी क्राफ्टिंग गंभीर खतरे में है क्योंकि यह इंडस्ट्री धीरे-धीरे इन कुशल हाथों को खो रहा है। हमारा देश अपनी सबसे पुरानी कला को खो रहा है। न केवल कम मजदूरी बल्कि जहरीले धुएं और मुश्किल काम करने की स्थिति युवा कारीगरों का इससे दूर होना एक समस्या साबित हो रही है। लोग या तो बीमार पड़ रहे हैं या नौकरी छोडक़र जाने लगे हैं। इससे इंडस्ट्री में कुशल श्रम की अत्यधिक कमी होने लगी है।

हैंडमेड ज्वैलरी इंडस्ट्री से कारीगरों के पलायन की सबसे बड़ी वजह स्वास्थ्य समस्या है। जहरीले गैसों, खराब कामकाजी परिस्थितियां कई कारक हैं जो कई रोगों और आंखों की दृष्टि से हानि का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

बहुत ही कम ज्वैलरी निर्माता हैं जो मजदूरों को बाजार के मानकों के मुताबिक मजदूरी का भुगतान करते हैं। दूसरे उनका शोषण करते हैं और मुश्किल काम की परिस्थितियों के बावजूद कम पैसे देते हैं। वे प्रोपर वर्कस्टेशन भी प्रदान नहीं करते। कारीगरों को जमीन पर बैठ कर, बंद कमरे में काम करने को कहा जाता है जहां लाइटिंग भी कम रहती है और काम करने का कोई समय भी निश्चित नहीं होता है।

पी. मंगतराम के निदेशक संजय गुलाबानी ने एक स्टेटमेंट में कहा कि हस्तनिर्मित आभूषणों के कारीगरों को बेहतर काम की स्थिति प्रदान करने के लिए विनिर्माण समुदाय की जिम्मेदारी है। हम श्रमिक की खुशहाल सुनिश्चित करके भारतीय संस्कृति में सबसे पुराना कला रूपों में से एक हस्तनिर्मित आभूषणों की विरासत की रक्षा कर सकते हैं। बेहतर कार्य वातावरण रचनात्मकता को बढ़ावा दे सकते हैं जबकि असंतोष से काम बिगड़ता है। विनिर्माण समुदाय को स्वास्थ्य परिश्रम जैसे स्वास्थ्य शिविर, अच्छी तरह से सुसज्जित और ठीक से सुसज्जित कार्यस्थान आदि सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे कहा कि हम अपने मैन्यूफैक्चरिंग युनिट में कारीगरों के लिए अत्याधुनिक, पूरी तरह सुसज्जित और उचित कार्यस्थल के साथ एसी रूम प्रदान करते हैं। इससे मजदूर स्वस्थ रहते हैं और रचनात्मकता में भी मदद मिलती है। हम श्रमिकों को मुफ्त स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य शिविरों का संचालन करने की भी योजना बना रहे हैं। महिला कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए, हमने डिस्ट्रेस्ड महिलाओं को ढूंढने, उन्हें प्रशिक्षित करने और उनके लिए रोजग़ार पैदा करने के लिए कार्यक्रम में लगे हुए हैं।