१२वां आईआईजेएस सिग्नेचर ज्वैलरी शो का सफल समापन

१० से १३ फरवरी २०१८ तक चले इस शो में ७५० एक्जीबीटर्स ने हिस्सा लिया और १८००० से अधिक मुलाकाती आए

जेम एंड ज्वैलरी टेक्नोलोजी पर आधारित एशिया के सबसे बड़े ६वें आईजीजेएमई का आयोजन हुआ

जयपुर में अपने आप में अनूठा एवं पहला वल्र्ड क्लास जेमस्टोन बोर्स

राजकोट, कोलकाता, जयपुर औऱ हैदराबाद में कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स खुलेंगे


भारतीय आभूषणों की विरासत जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने १० से १३ फरवरी २०१९ के दौरान मुंबई के गोरेगांव स्थित नेशनल एक्जीबीशन सेंटर में १२वें आईआईजेएस सिग्नेचर शो और ६वें इंडिया जेम एंड ज्वैलरी मशीनरी एक्सपो (आईजीजेएमई) का आयोजन किया। ये दोनों ही व्यापार एवं कारोबार के लिए उत्तम शो साबित हुए। नए साल की शुरुआत इन दो शो के साथ बेहतरीन रहा। डॉ. सुबोध कुमार अग्रवाल (अतिरिक्त मुख्य सचिव - उद्योग, राजस्थान सरकार) और प्रमोद कुमार अग्रवाल (अध्यक्ष, जीजेईपीसी) ने अशोक गजेरा (क्षेत्रीय अध्यक्ष, जीजेईपीसी), शैलेश सांगानी (संयोजक, राष्ट्रीय प्रदर्शनियाँ उप-समिति, जीजेईपीसी), मनसुख कोठारी (सह-संयोजक प्रदर्शनियाँ और सीओए-स्वर्ण आभूषण, जीजेईपीसी), किरीट भंसाली (सह-संयोजक प्रदर्शनियाँ और सीओए-डायमंड पैनल, जीजेईपीसी) और सब्यसाची रे (कार्यकारी निदेशक, जीजेईपीसी) की उपस्थिति में आईआईजेएस सिग्नेचर शो २०१९ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने आईआईजेएस सिगनेचर २०१९ और आईजीजेएमई के कैटेलॉग का अनावरण किया।

आईआईजेए सिग्नेचर २०१९ में सबसे प्रतिष्ठित प्रीमियम आभूषणों के प्रदर्शन से नए सीजन की शुरुआत हुई। इस शो में ७५० से अधिक एक्जीबीटरों ने १४०० से अधिक स्टॉल्स पर अपने ज्वैलरी को प्रदर्शित किया। शो में देशभऱ के ३२५ से अधिक सिटी और टाउन के एक्जबीटरों ने अपने ज्वैलरी उत्पादों का प्रदर्शन किया। यहां देश औऱ विदेश के १८००० से अधिक कारोबारी मुलाकाती आए। यूके, यूएई, रूस, मलेशिया, ईरान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और उज़्बेकिस्तान जैसे देशों के खरीदारों के प्रतिनिधिमंडल ने भी इस शो में भाग लिया।

शो के उद्घाटन अवसर पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष, प्रमोद कुमार अग्रवाल ने कहा कि आईआईजेएस सिग्नेचर शो इंडस्ट्री के ग्रोथ का प्रमुख इंजन और वैश्विक उद्योग के लिए एक बेंचमार्क है। हमने वर्ष २०२५ तक जेम एंड ज्वैलरी का कुल निर्यात मौजूदा ४२ बिलियन डॉलर से बढ़ाकर ७५ बिलियन डॉलर करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस प्रीमियम प्रदर्शनी में प्रदर्शित विश्व स्तरीय जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री की कड़ी मेहनत का प्रतीक है और आईआईजेएस सिग्नेचर भारत की ज्वैलरी को विश्व मंच पर पहुंचाता है। इस शो को हमने सभी घटकों से प्रतिक्रिया पाने के बाद इसे फिर से डिज़ाइन करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) इस इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव लाने के अपने दृढ़ संकल्प में जुटा है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम स्तर पर अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिससे कि यहां प्रमुख नीतिगत सुधार के साथ संतुलित व्यापार आसानी से किया जा सके। हाल ही में संपन्न भारत गोल्ड एंड ज्वेलरी समिट गोल्ड पॉलिसी को लागू करने की दिशा में तेजी लाएगा। इससे समूचे ज्वैलरी इकोसिस्टम में परिवर्तन आएगा।

भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री डॉ. सुरेश प्रभु ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि जीजेईपीसी जेम एंड ज्वैलरी निर्यातकों की एक प्रमुख निकाय है। यहां से ४२ हर साल लगभग ४२ बिलियन अमरीकी डालर का निर्यात होता है और इस इंडस्ट्री में लगभग ५ मिलियन लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन निर्यातों से ज्वैलरी में वैल्यू एडिशन होता है और भारतीय ज्वैलरी को व्यापार के साथ साथ वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर खुलते हैं। जेम एंड ज्वैलरी का कारोबार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा है और यह एंटवर्प से लेकर हॉंगकॉग और सूरत से लेकर मुंबई तक के एकीकृत इकोसिस्टम का हिस्सा है। सरकार ने पहली बार घरेलू परिषद और एक एकीकृत गोल्ड पॉलिसी की घोषणा की है - जो सभी को और आगे ले जाएगी। मेक इन इंडिया जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के विकास को आगे बढ़ाएगा।

राजस्थान सरकार के अपर मुख्य सचिव- इंडस्ट्री डॉ. सुबोध कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी तेजी से बढ़ रही है और यहां इन्नोवेशन की अत्यंत आवश्यकता है। जेम एंड ज्वैलरी बिजनेस रोजगार पैदा करता है और यह गैर-प्रदूषणकारी भी है। राजस्थान राज्य सरकार अब एक नई औद्योगिक नीति बनाने जा रही है जो मौजूदा सभी कानूनों को समाप्त कर देगा। एमएसएमई के लिए हम ३ साल के लिए सभी नियमों के आत्म-नियमन और छूट को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हम जयपुर को दुनिया के जेम एंड ज्वैलरी कैपिटल के रुप में देखना चाहते हैं।

जीजेईपीसी की राष्ट्रीय प्रदर्शनियों की उप-समिति के संयोजक शैलेश सांगानी ने कहा कि १२वें आईआईजेएस सिग्नेचर शो भारतीय जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए एक मान है। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा शो बन गया है। प्रदर्शकों की एकतरफा मांग ने इसे अपने शुरुआती चरण के एक आला बुटीक शो से बढ़ाकर आज एक बडे संस्करण में बदल दिया है। यह शो एक दशक पहले के शो से आज एक विशाल शो हो गया है। काउंसिल आईआईजेएस सिग्नेचर की बेहतरीन प्रोफ़ाइल बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है, जहाँ विजिटर्स विश्व स्तर पर आकर्षक आभूषणों को प्राप्त कर सकें। हर साल इसके शानदार प्रदर्शनों से स्पष्ट है कि कंपनियां ग्राहकों की मांग पर पूरा ध्यान रखती हैं। युवाओं की पसंद आज एक चुनौती है। इंडस्ट्री को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईआईजेएस सिग्नेचर में इंडिया जेम एंड ज्वैलरी मशीनरी एक्सपो (आईजीजेएमई) के ६वें संस्करण में जेम एंड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग की नई टेक्नोलोजी और इक्विपमेंट को प्रदर्शित किया गया था।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार अग्रवाल ने जीजेईपीसी के टोल-फ्री नंबर १८००१०३४३५३ (९१७२०८०४८१०० पर मिस्ड कॉल) लॉन्च किया। उन्होंने यह भी कहा कि जीजेईपीसी ने राजस्थान सरकार के साथ जयपुर में भारत डायमंड बोर्स, मुंबई के समान अपनी तरह की विश्व स्तरीय जेम बोर्स स्थापित करने के लिए चर्चा की है। उन्होंने कहा कि नवी मुंबई में ज्वैलरी पार्क में अनुमानित निवेश १३८०० करोड़ रुपए होने की संभावना है। इसके आने से ज्वैलरी सेक्टर में एक लाख और नौकरियां हो जाएंगी। जीजेईपीसी ने अमरेली, विसनगर, पालनपुर और जूनागढ़ में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की स्थापना की है और सरकार ने राजकोट, कोलकाता, जयपुर और हैदराबाद में अधिक सीएफसी का अनुमोदन किया है। जीजेईपीसी ने क्लस्टर मैपिंग सर्वेक्षण करने के लिए एनसीएईआर को काम पर रखा है। जीजेईपीसी उच्चतम मानकों का पालन करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ जीजेईपीसी अपने संचालित प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने जा रहा है।

आईआईजेएस सिग्नेचर २०१९ देश के अग्रणी निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिए बाजार अंतर्दृष्टि और ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है, जिससे व्यापार के लिए नेटवर्किंग के अवसर मिलते हैं। इसके अलावा, व्यवसाय के अवसरों को आगे बढ़ाने और मौजूदा व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रदर्शकों और खरीदारों बीच नेटवर्किग के लिए विशेष रुप से आमंत्रित किया जाता है। पिछले साल की तुलना में इस साल विदेशी विजिटर्स अधिक आए। स्पॉट ऑन पंजीकरण सुविधा से विज़िटर फ़ुटफ़ॉल में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। इस शो में इंटरनेशनल के अलावा डायमंड्स, जेमस्टोन और स्टडेड ज्वैलरी के अच्छी तरह से डिफाइन किए गए सेक्शन हैं। इस कैटेगरी के तहत ज्यादा से ज्यादा एग्जीबिटर्स को शामिल करने के लिए गोल्ड सेक्शन को आगे बढ़ाया जाएगा। शो का मुख्य आकर्षण सिग्नेचर क्लब है जो देश के अग्रणी निर्माताओं द्रारा सबसे उत्तम आभूषणों को प्रदर्शित करता है।

इसी तरह एशिया के सबसे बड़े आईजीजेएमई शो में जेम एंड ज्वैलरी टेक्नोलोजी को प्रदर्शित किया गया। आईजीजेएमई,जीजेईपीसी की एक रणनीतिक पहल है जो निर्माताओं को नए विचारों, नवीन तकनीकी जानने और उत्पादन में अत्याधुनिक तकनीकों को इस्तेमाल करने में मदद करती है। शो में प्रदर्शित की गई टेक्नोलोजी से उत्पादों की गुणवत्ता में प्रचुर सुधार की आवश्यकता है। आईजीजेएमई दुनिया भर से मशीनरी, उपकरण, घटकों, पैकेजिंग सामान और संबद्ध उत्पादों के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करता है। यहां आधुनिक तकनीकों जैसे कि लेजर मशीन, कम्प्यूटरीकृत यील्ड प्लानिंग मशीन, एडवांस्ड ब्रूटिंग लाथेस, डायमंड इंप्रीजीनेटेड स्कैफ आदि का भी प्रदर्शन हुआ।

आभूषण बनाने के हर पहलू में प्रौद्योगिकी आज एक प्रमुख भूमिका निभाता है। नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग भारत के विश्व में अग्रणी ज्वैलरी हब बनने की दृष्टि का एक महत्वपूर्ण घटक होगा। मणि और आभूषण क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी प्रौद्योगिकी और उपकरण प्रदाता ६वां भारत रत्न और आभूषण मशीनरी एक्सपो (खॠगचए) है। इसमें लगभग १२० से अधिक अग्रणी कंपनियों ने बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र, मुंबई में अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक पेश कीं।