एडवांस्ड सिंथेटिक डायमंड पर सेमिनार को संबोधित करेंगे जीआईए रिसर्च वैज्ञानिक
प्राकृतिक और सिंथेटिक डायमंड्स की सही पहचान पर खास जोर
हांगकांग में १९ जून को आयोजित किया जाएगा पहला सेशन

नेचुरल, ट्रीटेड और सिंथेटिक हीरे पर ६० साल से भी अधिक समय से वैज्ञानिक रिसर्च और उद्योग में ८० साल से ज्यादा के अनुभव वाले जीआईए (जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका) की ओर से दुनिया भर में फैले जीआईए केंद्रों पर सिंथेटिक डायमंड विषय पर नये सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस कड़ी में पहले सेमिनार का आयोजन हांगकांग जेम शो से ठीक पहले हांगकांग में १९ जून को किया जाएगा। एक दिवसीय इस सेमिनार में जीआईए रिसर्च वैज्ञानिक और अनुभवी क्लासरूम इंसट्रक्टर्स प्रैक्टिकल लैब इंस्ट्रक्शन के साथ लेक्चर देंगे कि कैसे जीआईए उपकरणों के जरिए प्राकृतिक हीरों से सीवीडी और एचपीएचटी सिंथेटिक डायमंड और डायमंड सिमिलेंट्स को अलग किया जा सकता है।

रिसर्च एंड डेवलपेंट विभाग के उपाध्यक्ष डॉ. वुयी वांग ने कहा, 'जीआईए ने ५० साल पूर्व सबसे पहले न सिर्फ जेम क्वालिटी सिंथेटिक डायमंड्स का परीक्षण किया बल्कि उसकी विशेषता भी तय की। तभी से हम सिंथेटिक डायमंड की पहचान सुनिश्चित करने के लिए इंस्टीट्य़ूट की विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके द्वारा प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के माध्यम से लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। प्राकृतिक और सिंथेटिकहीरे की पहचान करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हम न सिर्फ अभिनव तरीके से वर्षों के अनुभव का इस्तेमाल कर रहे हैं बल्कि लोगों को साक्षर भी कर रहे हैं। जेम क्वालिटी सिंथेटिक डायमंड्स- मेली साइजेज को शामिल कर- को लेकर आज लोग काफी जागरूक हैं। इसलिए जरूरी है कि उपभोक्ताओं की चिंताओं का समाधान करने के लिए लिए उचित प्रशिक्षण और विशेषज्ञता हासिल कर उद्योग खुद को तैयार करे।

हांगकांग जेम शो से ठीक पहले हांगकांग स्थित जीआईए के स्कूल में १९ जून को पहले सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। सेमिनार में जीआईए के दुभाषिए स्टाफ के साथ जीआईए की वरिष्ठ रिसर्च वैज्ञानिक डॉ. उल्रिका डीहेंस-जोहांसन भी मौजूद रहेंगी। हांगकांग सेमिनार में हिस्सा लेने की लागत ६००० हांगकांग डॉलर तय की गई है जबकि १५ सहभागियों तक ही रजिस्ट्रेशन सीमित किया गया है। जो लोग इस एक दिवसीय सेनिनार में भाग लेना चाहते हैं, वे हांगकांग स्थित जीआईए ऑफिस से सपर्क करना चाहिए (टेलीफोनः +८५२ ३१६६ ७००१; ई-मेलः giahongkong@gia.edu )।

साल के दौरान अन्य जगहों पर भी जीआईए की ओर से सेमिनार आयोजित किया जाएगा। सेमिनार की तिथि, अवधि, विषय की घोषणा बाद में की जाएगी। जहां तक सेमिनार में हिस्सेदारी से जुड़ी लागत का सवाल है तो इसकी दर अलग-अलग जगहों के लिए भिन्न होगा। इस बारे में सूचना आनेवाले समय में उपलब्ध कराई जाएगी।

सेमिनार में प्रतिभागियों को उन्नत हीरेकी पहचान से जुड़ी तकनीकों का गहन ज्ञान मिलेगा। साथ ही सिंथेटिक हीरे के मौजूदा उत्पादन और इसकी पहचान के लिए नवीनतम डिटेक्शन तकनीक को जानने-समझने का भी अवसर मिलेगा। लेक्चर और लैब के संयोजन के जरिए जीआईए रिसर्च वैज्ञानिक, कुशल शिक्षक और जीआईए प्रशिक्षक अपने अनुभवों को साझा करेंगे जिसका लाभ सेमिनार में भाग लेनेवाले लोगों को मिलेगा। सेमिनार में प्रजेंटेशन करनेवाले जीआईए रिसर्च वैज्ञानिक प्राकृतिक हीरे से सिंथेटिक को अलग करने के लिए जीआईए की प्रयोगशालाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं के साथ बताएंगे कि कैसे सिंथेटिक हीरे की पहचान कर असली हीरे को चुना जा सकता है।

सेमिनार में हीरे की पहचान से जुड़े अहम विषयों को शामिल किया जाएगा।

- प्राकृतिक और सिंथेटिक हीरा बनने की प्रक्रिया, डायमंड डिफेक्ट्स और उनका विश्लेषण (स्पेक्ट्रोस्कोपी के बेसिक सिद्धांतों सहित)

- जेमोलॉजिकल प्रापर्टीज ऑफ केमिकल वेपोर डिपोजिशन (सीवीडी) और हाईप्रेशर, हाई टेंपरेचर (एचपीएचटी) से तैयार सिंथेटिक डायमंड

- सिंथेटिक डायमंड का विकास और ट्रीटमेंट

- सिंथेटिक डायमंड की पहचान करने के लिए प्रयोगशालाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विश्लेषणात्मक उपकरण

- नैसर्गिक और सिंथेटिक हीरे की पहचान से जुड़े परीक्षण का अनुभव

- जीआईए आईडी १००TM, जीआईए डायमंडचेक, और लांगवेव और शॉर्टवेव यूवी व्यूइंग बॉक्स सहित जीआईए उपकरणों के संचालन का अनुभव।

डॉ. उल्रिका एफएस डीहेन्स-जोहानसन न्यूयॉर्क स्थित जीआईए लैबोरेटरी में एक वरिष्ठ रिसर्च वैज्ञानिक हैं। रिसर्च और विशेषज्ञता का उनका क्षेत्र ऑप्टिकल और ईपीआर स्पेक्टड्ढोस्कोपी का उपयोग कर नेचुरल, ट्रीटेड और सिंथेटिक डायमंड की सामग्री की पहचान करने से जुड़ा है। उन्होंने २००७ में वॉरविक यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम से फिजिक्स में हॉनर्स के साथ मास्टर्स किया है और २०११ में इसी यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में डॉक्टरेट की उपाधि ली है। पीएचडी में उनकी थीसिस थी-सीवीडी डायमंड में ऑप्टिकल एंड मैग्नेटिक रेजोनेंस स्टडीज ऑफ प्वाइंट डिफेक्ट्स।

सेमिनार में प्रतिभागियों को जीआईए ID१००TM के साथ परीक्षण का अनुभव मिलेगा,जो कि नेचुरल डायमंड को लूज, रफ और कट सिंथेटिक (एटपीएचटी एवं सीवीडी) से न सिर्फ अलग करता है बल्कि डायमंड सिमुलेट्स के जरिए रंगहीन या लगभग रंगहीन ऐसे डायमंड रेंज में अंतर कर सकते हैं जिनका आकार ०.९मिलीमीटर व्यास से शुरू होता है। इस बारे में अधिक जानकारी https://www.gia.edu/id100 से हासिल कर सकते हैं। फोटोः एमिली लेन/जीआईए।

उपकरणों की सही जानकारी के बिना नेचुरल डायमंड और सिंथेटिक डायमंड के बीच अंतर कर पाना असंभव है।

सिंथेटिक डायमंड के बारे में अधिक जानकारी के लिए GIA.edu पर सर्च करें।