एचआरडी एंटवर्प

एचआरडी एंटवर्प इंडिया के प्रबंध निदेशक रवि छाबरियाने डायमंड के कारोबार में स्क्रिनिंग औरजांच से संबंधित आधुनिक इक्विपमेंटतथा शिक्षा के महत्व बातचीतकी।उन्होंने लैब में तैयार हीरे (एलजीडी) पर खास ध्यान देने की बात रही और इस क्षेत्र में व्यापक रिसर्च परजोर दिया।

नेचरल हीरे और लैब में तैयार हीरे की पहचान के लिए आप किस नवीनतम उपकरणका इस्तेमाल कर रहे हैं।साथ ही आपके उत्पादों को बाजार में कितना प्रतिसाद मिला है, के बारे में बताएं।

•एम-स्क्रीन +   

एम-स्क्रीन एक सुपरफास्ट, ऑटोमेटेड मेली स्क्रीनिंग डिवाइस है जो लैब में तैयार हीरे, पोटेंशियल एचपीएचटी कलर बढ़े डायमंड्स और सिमुलेंट्स के ०.५ पाइंट से २० पाइंट्स तक के डायमंड्स का शानदार ढंग से स्क्रीन करता है। एम-स्क्रीन स्वचालित रूप से प्रति सेकंड न्यूनतम तीन हीरे की सुपर गति पर गोल शानदार हीरे की फीड, स्क्रिन और सोट करता है। (औसत प्रति घंटे ११,००० हीरे)।स्टोन्स के आकार और बैच के आकार के आधार पर, गति प्रति घंटा १५,००० हीरे स्क्रिन करता है।

•डी-टेक्ट    

डी-टेक्ट लैब में तैयार हीरे की पहचान के लिए सबसे बहुत महत्वपूर्ण और सबसे अच्छा समाधान है। लैब में तैयार हीर की पहचान और सभी निर्दिष्ट स्टोन्स जिन्हें एम-स्क्रीन +, या किसी अन्य स्क्रीनिंग डिवाइस द्रारा स्क्रीनिंग के बाद आगे परीक्षण की आवश्यकता होती है, डी-टेक्ट का उपयोग करके जांच की जा सकती है।इस डिवाइस के विश्लेषण से विश्वास बढ़ता है कि आप नेचरल और लैब में तैयार हीरे को पहचानने के जटिल काम को आसानी से पूरा कर लेंगे। डी-टेक्ट एक गैर-स्वचालित स्क्रीनिंग डिवाइस है जो यूवी लुमेनसेंस इमेजिंग और फोटोलुमाइन्सेंस स्पेक्टड्ढोस्कोपी के आधार पर सभी आकारों के माउंटेड या लूज हीरे (डी-टू-जेड) के लिए है। डी-टेक्ट द्रारा प्रदान किए गए परिणाम स्टोन्स की प्रकृति से संबंधित एक निश्चित मूल्यांकन प्रदान करते हैं, भले ही वहनेचरल, लैब में तैयार हीरे या सिमुलेंट्स ही क्यों न हों। वे हमेशा कटिंग एज टेक्नोलोजी के लिए जाने जाते हैं क्योंकि इससे मनी और समय दोनों बचते हैं। मार्केट के अग्रणी कारोबारियों ने इन मशीनों कापहले ही ऑर्डर देना शुरु कर दिया है और मैन्यूफैक्चरिंग तथा ग्रेडिंग डिपार्टमेंट्स को समाधान देना शुरु किया है। हमारे की इतनी मांग बढ़ गई है कि आप हमारे उपकरण दुनिया के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध लैब्स भी पा सकते हैं।

लैब में तैयार हीरे और नेचरल डायमंड्स की पहचान के लिए क्या कारोबारियों और ग्राहकों के लिए शिक्षा कितना महत्वपूर्ण है? क्या हम इस दिशा में पर्याप्त काम कर रहे हैं?

लैब ग्रोन हीरे के बारे में बहुत चर्चा की गई है लेकिन इसे ग्राहकों को अबतक नहीं बताया गया है।उन्हें इस बारे में बताना और जागरुक करना आवश्यक है। हर कोई व्यापार में केवल अपने हितों की रक्षाकरने में जुटा है, लेकिन जब ग्राहक की बात आती है तो वास्तव में यहां कुछ भी नहीं किया जा रहा है।आज यह बेहद महत्वपूर्ण हो गया है कि हम ग्राहकों के साथ सारे इंफोरमेशन शेयर करें जिससे कि हीरे में उनका विश्वास बनारहे और उनके संदेह दूर हो। भारत सहित दुनिया भर में एचआरडी एंटवर्प कार्यालयों ने शिक्षाऔर शिक्षा के माध्यम से इस जानकारी और ज्ञान को फैलाने की पहल शुरु की है।ग्राहकों के लिए ट्रस्टेड ब्रांडों के साथ सेमिनार आयोजित किये जा रहे हैं जिससे कि हीरे में ग्राहकों का भरोसा और विश्वास बनारहे।

डायमंड डिटेक्शन को लेकर भविष्य में किस तरह के टेक्नोलोजिकल इन्नोवेशन की आप उम्मीद करते हैं?

हीरे की पहचान के क्षेत्र में इन्नोवेशन एक महत्वपूर्ण औऱ सतत फिचर है।इस क्षेत्र में दोनो पक्षों कीओर से काफी निवेश और रिसर्च होरहे हैं। उन्नत टेक्नोलोजी के बारे लैब में तैयार हीरे विभिन्न रुपों में बाजार में सतत आ रहे हैं।इससे सही हीरे की पहचान जटिल होने लगी है। हमारी एचआरडी एंटवर्प कंपनी में भी इसकी चुनौतियां काफी हैं औऱ सतत रिसर्च कररहे हैं।

क्या आप भारत और विदेशों में और लैब स्थापित करने की योजना बनारहे हैं? इस बारे में बताएं।

फिलहाल हम दुनिया भर के १५ से अधिक रणनीतिक स्थानों में है। हाल ही में हमने मुंबई में सईजे में अपना लैब खोला है जहां निर्यातोन्मुख डायमंड ज्वैलरी और ग्रेडिंग के काम देखे जाएंगे।एचआरडी एंटवर्प ने मॉस्को में हीरा ग्रेडिंग लैब की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं।