लॉकडाउन ४.० ३१ मई तक बढ़ाया, गोल्डमैन सैश ने कहा-भारी मंदी से गुजरेगा भारत

कोरोना वायरस के गंभीर संकट निपटने, बचाव और रोकथाम के लिए पूरे देश में केंद्र सरकार ने लॉकडाउन ४.० की अवधि दो हफ्ते और बढ़ाकर ३१ मई कर दिया गया है, जबकि कुछ खास क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाबंदियों में ढील देने का ऐलान किया है। लॉकडाउन ४.० में केंद्र ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने राज्यों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए निर्देशों का सख्ती से पालन करें।

लॉकडाउन के दो महीने पूरे हो चुके हैं। तीसरा महीना शुरु हो चुका है। देश की अर्थव्यवस्था अब चरमराने लगी है। केंद्रीय वित्तमंत्री इसमें अपने विभिन्न राहत पैकजों से जान फूंक रही हैं, लेकिन उद्योग एवं व्यापार जगत ने आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को लेकर आशंका जताई है। उनके मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजरेगा तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में ४५% की गिरावट आएगी। इसके अलावा वित्त वर्ष २०२१ में रियर जीडीपी में ५ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जाएगी। कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था की हालत बदतर हो गई है।

जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को गहरा झटका लगा है। यहां निर्यात कारोबार पूरी तरह ठप हो चुका है। सूरत से पॉलिश किये गये हीरों का निर्यात २२ प्रति गिरा है। इंडस्ट्री के लिए प्रवासी मजदूरों का पलायन एक बड़ी समस्या रहेगी। दिग्गज ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने कहा है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन का भारत की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी असर पड़ेगा। भारत अब तक की सबसे भीषण मंदी के दौर से गुजरेगा।

ऐसे समय जब दुनिया के सबसे बड़े डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग सेंटर सूरत के हीरे के कारोबारी लॉकडाउन के कारण भारी नुकसान झेल रहे हैं, इंडस्ट्री के वर्ष २०१९-२० के निर्यात में २२ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जेम्स एंड ज्वैलरी के आंकड़ों के अनुसार मार्च के महीने में कट और पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान जो १.८ बिलियन डॉलर था, की तुलना में आलोच्य अवधि में ४९% घटकर ९६० मिलियन डॉलर रह गया।

इंडस्ट्री सूत्रों ने कहा कि हांगकांग, चीन, अमेरिका, यूएई और ब्रिटेन से इस साल के जनवरी २०२० से ही कोरोना वायरस के कारण मांग कमजोर होने लगी थी। २५ मार्च से शुरू होकर अप्रैल के अंत तक देश के बाहर एक भी डायमंड पार्सल का निर्यात नहीं किया गया है। जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष कोलिन शाह ने कहा कि निर्यात में गिरावट दुनिया भर में रत्नों और आभूषणों की कमजोर मांग को दर्शाती है। इस महामारी ने भविष्य के रास्ते फिलहाल बंद दिये हैं।

वैश्विक स्तर पर ज्वैलरी के सभी बड़े बाजार लॉकडाउन में हैं। पूरा यूरोप लॉकडाउन में है। अमेरिका आंशिक तौर पर लॉकडाउन में बना हुआ है। मिडिल ईस्ट और चीन सुस्ती में है क्योंकि ग्राहक अभी बाहर निकलर खरीदारी नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में ८० फीसदी अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर रद्द हो चुके हैं और केवल १५ से २० फीसदी की सप्लाई की जा रही है।

शाह ने जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के मनोबल को पुनर्जीवित करने के अलावा सरकार से इस कठिन समय में निर्यातकों को संभालने के लिए एक विशेष पैकेज की आवश्यकता की मांग की है। जीजेईपीसी ने कहा कि कहा इस वित्त वर्ष के मार्च तक रत्नों और आभूषणों का कुल सकल निर्यात ४३% घटकर १.८ बिलियन डॉलर रह गया, जो पिछले साल के इसी महीने में ३.२ बिलियन डॉलर था। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में नहीं जानते हैं कि कब अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप से मांग बढ़ेगी।

गोल्डमैन सैश के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पहले के अनुमान के २०% की तुलना में ४५% की गिरावट आएगी। तीसरी तिमाही में इसमें २०% की मजबूत रिकवरी होगी, जबकि चौथी तिमाही तथा अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान क्रमशः -१४% तथा -६.५% पर बरकरार रखा गया है। गोल्डमैन सैश की अर्थशास्त्री प्राची मिश्रा तथा एंडड्ढयू टिल्टन ने वित्त वर्ष २०२१ में रियल जीडीपी में ५% की गिरावट दर्ज होने की संभावन व्यक्त की है जो भारत में किसी भी मंदी में नहीं देखा गया होगा।

कोरोना वायरस महामारी में फंसे उद्योग प्रमुखों को इस साल के दूसरे अर्धवार्षिक में अर्थव्यवस्था के सुधरने के आसार हैं। कोरोना संक्रमण ने इडस्ट्री की पूरी तस्वीर को बदल दिया है और सरकारों को लॉकडाउन लागू करने के लिए मजबूर किया है। लॉकडाउन के बढ़ने से पिछले दिनों जो आर्डर मिले थे, उन्हें रद्द कर दिया गया है। खुदरा बिक्री अस्थायी तौर पर बंद हो गई है। भारतीय बाजारों में सप्लायर और खरीदार एक-दूसरे पर निर्भर हैं, इनकी स्थिति भी बदतर हो गई है।

उम्मीद की जा रही है कि कोरोना अब जीवन का भाग बनने जा रहा है। इसलिए अब सबको सावधानी बरतनी होगी और कारोबार धीरे धीरे शुरु किये जाने चाहिए। उम्मीद है कि जुलाई से त्यौहारी और अक्तूबर के बाद शादी सीजन की शुरुआत होगी। दुकानें औऱ शो रुम खुलेंगे और फिर कारोबार सामान्य होने लगेंगे। इसलिए इस साल के दूसरे अर्धवार्षिक में सबकुछ पटरी पर आने की संभावना है।