शिल्पी ज्वेल्स प्राइवेट लिमिटेड
पद्कुमार सोनी
संस्थापक - शिल्पी ज्वेल्स प्रा. लि.

भारत हस्तनिर्मित डिजाइनों में पारंपरिक रुप से अग्रणी रहा है। हस्तनिर्मित आभूषणों तैयार करने और भारत को दुनिया में टॉप रखने के लिए देश के शिल्पकार या कारीगर कितने प्रभावी हैं?

हस्तनिर्मित आभूषण हमेशा राजाशाही के प्रतीक रहे हैं। हमारे राजाओं के देश में इन अद्वितीय आभूषणों की भारी माँग थी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि ज्वैलरी की डिजाइन और शैली में शाही प्राथमिकताओं के अनुसार काफी विकास हुआ, जो आज भी प्रासंगिक हैं। ये अभी भी पुराने-पुराने डिजाइनों से प्रेरित हैं लेकिन बदलते समय के साथ इन्हें जोड़े रखने के लिए इनकी सामग्री, डिजाइन और शिल्प कौशल में एक समकालीन स्पर्श जोड़ा जाता है। भारतीय शिल्पकारों और कारीगरों में सदियों पुरानी प्रतिभा है जो उन्हें उनके पूर्वजों ने दिया है। ये प्रतिभाएं अद्वितीय और मूल्यवान हैं क्योंकि यह एक पारंपरिक कौशल है जो कुछ बड़े संस्थानों के जरिए वर्तमान पीढ़ी को सिखाया जा रहा है। भारत के पास निश्चित रूप से शिल्पकारों और कलाकारों का खजाना है। उनकी प्रतिभा को कोई और कहीं भी दोहरा नहीं सकता। उनकी कड़ी मेहनत ने भारत को हस्तनिर्मित ज्वैलरी के क्षेत्र में नई मुकाम पर पहुंचाया है।

ज्वैलरी मेकिंग में नवीनतम टेक्नोलोजी और मशीन टूल्स के प्रभाव के कारण क्या आपको आपको लगता है कि भारत फिर से दुनिया का एक मैन्युफैक्चरिंग हब बन पाएगा? कृपया आभूषण बनाने की प्रक्रिया में टेक्नोलोजी और मशीन टूल्स के महत्व के बारे में भी बताएं।

मशीनों ने मनुष्य के काम को आसान बना दिया है लेकिन उन्होंने कुशल श्रम और मानवीय कल्पनाओं को भी परिवर्तित कर दिया है। हालांकि, चूंकि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन कुशल होना चाहिए, इसलिए कोई भी अकेले अपने कारीगरों पर निर्भर नहीं रह सकता। इसलिए मशीनें ज्वैलरी तैयार करने का आज एक महत्वपूर्ण भाग बन गई हैं। मशीनों के आने से लागत में कटौती हुई है और हस्तनिर्मित ज्वैलरी ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंची हैं।

दुनिया भर में ऐसी कई आभूषण कंपनियाँ हैं जो अपने आभूषण निर्माण को भारत में आउटसोर्स कर रही हैं। इस क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों के बारे में आपकी क्या राय है?

मेरे हिसाब से हमारे देश के आभूषण उद्योग के लिए यह एक बहुत बड़ा अवसर है। हमारी अर्थव्यवस्था को न सिर्फ निर्यात बल्कि सभी क्षेत्रों से काफी मदद मिल रही है। मुझे भी लगता है कि इसने एक बहुत बड़ा मंच खोला है जहाँ भारत का प्रतिनिधित्व हो रहा है। जहां तक चुनौतियों का सवाल है, तो मैं कहूंगा कि सबसे बड़ी चुनौती आज हमारे ज्वैलरी डिजाइन और शिल्प को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाना है।

भारत में कई संस्थान हैं जो ज्वैलरी डिजाइन कोर्स चला रहे हैं। क्या इससे युवा ज्वेलरी डिज़ाइनर को रोजग़ार मिल सकता है। ज्वैलरी डिजाइनरों के लिए इस इंडस्ट्री में कितनी व्यापक संभावनाएं हैं, के बारे में बताएं?

युवाओं में इस इंडस्ट्री के प्रति आकर्षण बढ़ने लगा है। उनका योगदान भी काफी अच्छा है। इसलिए इसे एक कैरियर के रूप में चुनना एक बुरा विकल्प भी नहीं है। इंडस्ट्री निश्चित रूप से नए प्रतिभाओं का उपयोग करेंगे और उनके अनुभवों के साथ बिजनेस को बढ़या जा सकता है। इस इंडस्ट्री में वास्तव में जुनून और रोजगार के अवसरों की भरमार है।

क्या ज्वैलरी कारखानों में बड़े पैमाने पर ज्वैलरी तैयार करने और अधिक सप्लाई का मूल्य निर्धारण पर असर पड़ता है। अगर ऐसा है तो क्या टेक्नोलोजी और मशीनरी इस इंडस्ट्री के लिए खतरनाक हैं।

ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए टेक्नोलोजी और मशीनरी एक वरदान है या एक चुनौति है, यह तो बिल्कुल अपनी अपनी समझ है। आप इनका इस्तेमाल किस तरह करते हैं, उसपर निर्भर करता है। कोई भी चीज जब ज्यादा हो जाती है तो नुकसान करती ही है। वैसे भी किसी भी सफलता के लिए आधुनिकीकरण जरुरी ही है।

कारीगरों और शिल्पकारों के बारे में क्या कहेंगे। इंडियन जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में कारीगरों की बढ़ती संख्या और उन्हें रोजगार देने के बारे में आपकी क्या राय है?

इंडस्ट्री में ज्वैलर्स को गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है न कि मात्रा पर। इसलिए संख्या बढ़ाना कोई हल नहीं है। कारीगरों की संख्या आवश्यकता के अनुसार होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जब यह आभूषण बनाने में कला की बात आती है तो कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

एक ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरर होने के नाते बताएं कि भारतीय हेरिटेज ज्वैलरी को कैसे बनाए रखा जाए?

हम आभूषण निर्माताओं के पास यह पावर रहता है कि हम कैसे अपनी ज्वैलरी में परिवर्तन लाएं और कैसे अपनी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखे, उन्हें संजोये रहें। अब चूंकि हर ग्राहक अलग है और इसलिए उनकी मांगें भी अलग हैं, इसलिए हमेशा अधिक से अधिक विकल्प अपने पास रखने चाहिए। वैसे पारंपरिक ज्वैलरी चाहने वालों के लिए एक अलग ज्वैलरी लाइन बनाना एक अच्छी सोच है क्योंकि इससे पता चलता है कि लोगों को हेरिटेज ज्वैलरी मिल रही है। कुशल कारीगर, अद्वितीय डिजाइन और शुद्धता ही हमारे हेरिटेज ज्वैलरी को जीवित रख सकते हैं।