जीजेएससीआई द्वारा हुपरी के युवा प्रतिभाओं के लिए

रिवाइव डिजाइन प्रतियोगिता का शुभारंभ


सदियों पुराने आभूषण तकनीक के कारीगरों के उत्थान के लिए जेम्स एंड ज्वैलरी स्कील काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेएससीआई) ने सिल्वर टाउन के नाम से मशहूर हुपरी के युवा प्रतिभाओं के लिए रिवाइव डिजाइन प्रतियोगिता की शुरुआत की है। इस पहल से चांदी के आभूषण बनाने के २०० साल पुरानी तकनीक के संरक्षक होने के साथ साथ युवा प्रतिभाओं को सक्षम बनाने में मदद मिलेगी।

जीजेएससीआई लगातार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कौशल भारत कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के ३५ लाख कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के पोषण के लिए कदम उठा रहा है। चांदी के आभूषण बनाने का सबसे संरक्षित परम्पराओं में से एक कोल्हापुर के पास, हुपरी शहर है। यहां के पूरे गांव में पिछले २०० वर्षों से सिल्वर के कारोबार हो रहे हैं। हुपरी के कारीगरों पूरे देश में चांदी के घुंघरु के एकमात्र आपूर्तिकर्ता के रुप में जाने जाते हैं।

हालांकि, सदियों पुरानी इस परंपरा पर पर्याप्त प्रशिक्षण और एक्सपोजर के अभाव के कारण आज संकट के बादल मंडला रहे हैं। इस परंपरा को विकसित करने के लिए जीजेएससीआई ने हुपरी के कारीगरों को आगे लाने के लिए डिजाइन रिवाइव प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इससे छात्रों को भी फायदा होगा और भारत में सिल्वर ज्वैलरी के मूल से परिचित होंगे। डिजाइन रिवाइव प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर के इंटर इंस्टिट्यूट लेवल का है और इसमें पूरे देश के प्रतिभाओं को शामिल होने का मौका दिया गया है। इसमे से चुने गए २० प्रतिभाओं को हुपरी का दौरा कराया जाएगा और उनकी डिजाइनों को बुकलेट के रुप में प्रकाशित किया जाएगा और उसे कारीगरों में वितरित किया जाएगा। डिजाइन रिवाइव प्रतियोगिता का अंतिम दौर मुंबई में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, विजेता डिजाइन को यूएन द्वारा विपणन किया जाएगा।

जीजेएससीआई के चेयरमैन प्रेम कोठारी ने इस अवसर पर कहा कि स्थापना के बाद से ही जीजेएससीआई ने जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के अप्रमाणित कारीगरों की भलाई की दिशा में काम किया है। हम हर हाल में इस इंडस्ट्री से जुड़े कारीगरों को शिक्षित करने और उन्हें वैश्विक मानक स्तर तक लाने में जुटे हैं। हमारे इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही जीजेएससीआई ने हुपरी के कारीगरों को एकीकृत करने के लिए डिजाइन रिवाइव प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इससे कारीगरों को नए डिजाइन और ट्रेन्ड के बारे में जानने का मौका मिलेगा और साथ ही छात्रों को भी इन कारीगरों के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा।