जेमोलोजिकल इंस्टीच्यूट आफ अमेरिका (जीआईए) सूरत के वराछा रोड पर डायमंड एसोसिएशन परिसर स्थित अपने संस्थान के क्लासरूम में २० जून को अपने ग्रेजुएट डायमंड्स (जीडी) ग्रेजूएशन समारोह का आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर श्री रामकृष्ण समूह के निदेशक श्री जयंतिभाई नरोला उपस्थित थे। श्री नरोला एसआरके समूह के समूचे खरड़ खरीद विभाग का नेतृत्व करते हैं और कंपनी के हीरा निर्माण प्रक्रिया को भी संभालते हैं। श्री नरोला ने विद्यार्थियों को डिप्लोमा प्रदान किया और हीरा की खरीद और उसके निर्माण से जुड़े अपने दशकों के अनुभव को बांटा। उन्होंने कहा - आपने मुझे इस अवसर पर कुछ कहने के लिए बुलाया, इसके लिए शुक्रि या। हीरा उद्योग इस समय बडी ही तेज गति से विकास पथ पर आरूढ़ है और जीआईए हमारे कारोबार को बढ़ाने में मदद कर रहा है। उनके मुताबिक रत्न और आभूषण क्षेत्र में कैरिअर बनाने वालों के लिए यह शिक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। आप सभी को शुभकामनाएं।

जीडी डिप्लोमा में जीआईए के इंटरनेशनल डायमंड ग्रेडिंग सिस्टम का समन्वित ज्ञान शामिल है जिसमें ४ सी (कलर, कट, क्लियअरिटी और कैरेट वजन) के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है। यही ४सी हीरे की गुणवत्ता को निर्धारित करता है। इसमें छात्र एडवांस जेमोलोजिकल टेक्निक के बारे में सीखते हैं जिनमें सिंथेटिक हीरों की पहचान, ट्रीटमेंट किये गए हीरे, दरार भरे गए हीरे आदि भी शामिल हैं। यह सब सीखने के बाद डिप्लोमा धारक अपने संभावित नियोक्ता के लिए एकदम फिट उम्मीदवार बन जाता है। कक्षा में दी गई जानकारी के अलावा छात्रों को लगातार मार्केट विजिट भी कराया जाता है जैसे उन्हें कभी फैक्ट्री घुमाया जाता है तो कभी रिटेल आउटलेट। तभी तो उन्हें दैनंदिन कारोबार की जानकारी मिल पाती है। जीआईए की भारत और मध्य पूर्व में प्रबंध निदेशक निरूपा भट्ट का कहना है - दुनिया भर में सूरत का नाम हीरे की कटिंग और पालिशिंग के बड़े केन्द्र के रूप में है। इस उद्योग में योग्य पेशेवरों की भारी मांग है। जीआईए का मिशन ही इस उद्योग को समर्थन देना है। हम यह समर्थन पेशेवरों का योग्य बना कर देते है।

हम छात्रों को इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि वह उच्च श्रेणी का पेशेवराना अंदाज सीखे और अपने कैरिअर में बहुत आगे बढ़े। जीआईए सूरत के अलावा बंगलोर, चेन्नई, जयपुर, मुंबई और नई दिल्ली समेत पूरे देश में जीडी कार्यक्रम आयोजित करता है। इस कोर्स में सूरत और आस पास के पेशेवरों को विेश स्तर की शिक्षा दी जाती है। कक्षा में दी गई जानकारी के अलावा छात्रों को लगातार मार्केट विजिट भी कराया जाता है जैसे उन्हें कभी फैक्ट्री घुमाया जाता है तो कभी रिटेल आउटलेट। तभी तो उन्हें खरड़ से लेकर रिटेल तक की जानकारी मिल पाती है। रत्न एवं आभूषण की शिक्षा में वैश्विक अगुवा जीआईए हीरा, रंगीन पत्थरों, मोती, मर्केंडाइजिंग, ज्वैलरी डिजाइन, रिटेल और इससे संबंधित अन्य क्षेत्र में पूर्ण कालिक और अंश कालिक कोर्स भी आयोजित करता है। आभूषण से संबंधित विषयों पर संस्थान नियमित रूप से कारपोरेट संगोष्ठी का भी आयोजन करता है। जीआईए के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए www.giaindia.in, email eduindia@gia.edu पर दखा जा सकता है या फिर ०-८१०८१८६६८३ या १८०० १०२ १५६६ पर फाने किया जा सकता है।