भारत के अग्रणी संगठन जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी)-इंडिया ने एक नए बहु आयामी व्यापारिक अभियान के शुरू आत की घोषणा की है जिसका फोकस अमेरिका, कनाडा और दक्षिण अमेरिका पर होगा। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया गया कि इस अभियान का उद्येश्य इन देशों में भरतीय आभूषण उद्योग और भारतीय कंपनियों की साख में बढ़ोतरी करना है। भारत से अमेरिका को होने वाले रत्न एवं आभूषणों के निर्यात को देखें तो वर्ष २०१३ के दौरान यहां से ४.७९ बिलियन डालर के आभूषणों का निर्यात हुआ था। यह २०१२ मं ४.०३ बिलियन डालर ही था। वार्षिक वृद्धि दर के लिहाज से देखें तो २०१२ में यह ११ फीसदी थी जबकि २०१३ में यह बढ़ कर १३ फीसदी हो गई। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि अमेरिका के अधिकतर अग्रणी कारोबारियों का वाणिज्यिक संबंध भारतीय आभूषण निर्माताओं से है। इस भरोसे में और बढ़ोतरी के लिए परिषद बिजनेस डेवलपमेंट कांफ्रेंस की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। इसके तहत जीजेईपीसी- इंडिया के प्रतिनिधियों के साथ अमेरिकी व्यापारिक समुदाय को वैयक्तिम रूप से मिलने का मौका मिलेगा। इसका दसू रा फायदा होगा कि परिषद के प्रतिनिधि अमेरिका में व्यक्तिगत रूप से वाणिज्यिक समुदाय से मिल रहे हैं और इंडस्ट्री की बेस्ट प्रेक्टिसेज को बता रहे हैं। तीसरा कार्य वहां के विक्रेताओं और ग्राहकों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण होगा और चौथा बीडीसी से सहयोग बढ़ाने के साथ साथ भारतीय और अमेरिकी कारोबारियों के बीच आर्थिक और निजी रिश्ते प्रगाढ़ भी होगा। इस दौरान दोनों समूहों की बातों पर गौर फरमाया जाएगा तो वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा होगी। तभी तो वे आपसी सहयोग से एक लाभकारी आर्थिक सेतु का निर्माण कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त परिषद ने कुछ ऐसी गतिविधियों को भी प्रायोजित करने की योजना बनाई है जिससे अभियान को और बल मिलेगा।

जीजेईपीसी-इंडिया के अध्यक्ष विपुल शाह के मुताबिक - हम इस बात को जानते हैं कि भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए अमेरिका, कनाडा और दक्षिण अमेरिका का बाजार महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र के करोबारियों के लिए भारत एक तरजीह प्राप्त सोर्सिगं डेस्टिनेशन है। इसलिए हमारे सहयोगी वहां के कारोबारियों ने आमने सामने बातचीत करेंगे ताकि उनका कोई मसला हो तो उसका समाधान हो सके। तीन वर्ष तक चलने वाले इस अभियान के पहले चरण में परिषद ने कई बिजनेस डेवलपमेंट मीटिंग आयोजित करने की योजना बनायी है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण बैठकें भी आयोजित की जाएंगी। शाह के मुताबिक पहली बैठक का नाम - २०१४ इंडो यूएस बिजनेस डेवलपमेंट कांफ्रेंस- दिया गया है जिसका आयोजन ५ से ८ सितंबर २०१४ के बीच शिकागो में होगा। शाह ने बताया कि इसमें भाग लेने वाले रत्न एवं आभूषण क्षेत्र की सभी गतिविधियों जैसे निर्माण, डिजाइन, आभूषण बनाने की सामग्री की खरीद और रिटेल मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करेंगे। सितंबर में इस तरह का पहला कार्यक्र म अमेरिका में आयोजित होगा और यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम न सिफ अपने महत्वपूर्ण बाजार की तरफ देख रहे हैं बल्कि अपने सहयोगियों, ग्राहकों और प्रतिस्पर्धी की तरफ भी देख रहे हैं। आज दुनिया में लगातार परिवर्तन हो रहा है। शिकागे बीडीसी के अलावा कई और कार्यक्रम प्रस्तावित है। हम इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत का रत्न एवं आभूषण उद्योग दुनिया की नवीनतम प्रवृत्ति स जुड़ा है और यहां भी वही तकनीक और कच्चे माल का उपयोग होता है जैसा दुनिया के अन्य देशों में होता है। यहां बाल श्रमिकों से काम नहीं कराया जाता साथ ही सीएसआर गतिविधियां भी चलती हैं।

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष पंकज पारेख ने कहा - हम अमेरिकी के साथ घनिष्ठ व्यापारिक और वैयक्तिक संबंध विकसित करने को उद्यत हैं। हमारे प्रमुख बाजारों में भ्रमण का उद्येश्य ही यही है कि हमारा व्यावसायित हित सधे। इसे हर हाल में विकसित और मजबूत करना होगा। इसी में दोनों की भलाई है। बैठक के दौरान पारेख ने कहा कि बीडीसी के दौर परिषद सेलर्स-बायर्स मीट के दौरान सूचनाओं का आदान प्रदान होगा, इसके साथ ही भारतीय आभूषणों की सुंदरता, कलात्मकता और उत्पादन मूल्यों को भी प्रदर्शित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिकागो के कार्यक्र म में भारत के १५ निर्यातकों जबकि उत्त्री अमेरिका के १५ से २० कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद है। जीजेईपीसी इंडिया की तरफ से शिकागो सम्मेलन का आयोजन व्हिटनी सिलेफ ओर रिक बेनरोट आफ एस एंड बी पार्टनर्स कर रहा है। यह भारत में भी परिषद की दो बीडीसी का आयोजन कर रहा है।

संवाददाता सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ प्रमुख अधिकारियों में शामिल हैं